झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की आज विधानसभा में अग्निपरीक्षा है हालांकि सरकार के पास बहुमत का आकंड़ा है, इसके बावजूद पेंच फंस भी सकता है।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का दावा है कि उसके पास 43 विधायकों का बहुमत है। आंकड़े भी कुछ यही बयां करते हैं। सत्ता पक्ष का समीकरण कहता है कि उसके पास जेएमएम के 18 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 13, आरजेडी के 5, मासस…
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की आज विधानसभा में अग्निपरीक्षा है हालांकि सरकार के पास बहुमत का आकंड़ा है, इसके बावजूद पेंच फंस भी सकता है।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का दावा है कि उसके पास 43 विधायकों का बहुमत है। आंकड़े भी कुछ यही बयां करते हैं। सत्ता पक्ष का समीकरण कहता है कि उसके पास जेएमएम के 18 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 13, आरजेडी के 5, मासस के 1 और 6 निर्दलीय विधायकों का बहुमत है।
बहुमत के लिहाज से सरकार का पलड़ा भारी जरुर दिखाई दे रहा है लेकिन पेंच फंस भी सकता है। सत्ता पक्ष के लिए सबसे बड़ी मुसीबत उनकी अपनी ही पार्टी के दो विधायक सीता सोरेन और नलिन सोरेन हैं जो अलग अलग मामलों में फरार हैं।
यही नहीं कांग्रेस के सावना लकड़ा भी ऑनर किलिंग के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। कोर्ट से लकड़ा को सदन में मौजूद रहने की इजाजत तो मिल गई है लेकिन यह स्पीकर पर निर्भर करेगा कि लकड़ा को सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देश के बाद वोटिंग की मंजूरी मिलती है या नहीं।
सरकार के लिए तीसरी मुसीबत वो निर्दलीय विधायक हैं जो सरकार का समर्थन कर रहे हैं। ये सभी मंत्री पद की आस लगाए बैठे हैं। इन विधायकों में अभी से दो गुट बन गए है।
हालांकि विपक्ष की स्थिति भी मजबूत नहीं दिखाई दे रही है। बीजेपी के दो विधायक बैजनाथ राम और रामचंद्र बैठा पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर सकते हैं वहीं जेवीएम के विधायक ढुल्लू महतो भी जेल में बंद हैं।
यानि कुल मिलाकर झारखंड में एक बार फिर राजनीति का वो खेल एक बार फिर देखने को मिल सकता है जिसके लिए राज्य हमेशा से सुर्खियां बटोरता रहा है। एक बार फिर हेमंत सोरेन अपनी सरकार बचाने की हरसंभव कोशिश करेंगे वहीं विपक्ष सरकार को चारों खाने चित्त करने की जुगत में भिड़ा दिखेगा।