गोवा बैठक में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित कुछ अन्य नेताओं की अनुपस्थिति में नरेंद्र मोदी को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाने को लेकर भाजपा दुविधा में रही।
आडवाणी और कुछ अन्य नेता पणजी में हो रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि वे मोदी को पा…
गोवा बैठक में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित कुछ अन्य नेताओं की अनुपस्थिति में नरेंद्र मोदी को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाने को लेकर भाजपा दुविधा में रही।
आडवाणी और कुछ अन्य नेता पणजी में हो रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि वे मोदी को पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाये जाने के खिलाफ हैं।
वैसे आडवाणी के हिस्सा नहीं लेने के लिए खराब स्वास्थ्य कारण बताया गया है। बैठक में पार्टी का एक वर्ग मोदी को पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाये जाने की मांग कर रहा है।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडे़कर को उस समय मुश्किलों का सामना करना पड़ा जब औपचारिक प्रेस वार्ता में आडवाणी एवं अन्य नेताओं की अनुपस्थिति व मोदी को पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाये जाने के प्रस्ताव पर कुछ नेताओं की आपत्ति पर सवाल किये। यह पूछे जाने पर कि क्या कल दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर इस बारे में निर्णय किए जाने की संभावना है। जावडेकर ने कहा, कल तक इंतजार करिये, भाजपा में हम शीर्ष स्तर पर आमसहमति के बिना निर्णय नहीं करते।
आडवाणी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं और पार्टी के इतिहास मैं शायद ऐसा पहली बार है जब वे इसमें शामिल नहीं हुए हैं। पार्टी के नेताओं ने उनकी अनुपस्थिति को यह कहते हुए कमतर करने का प्रयास किया कि इसके यह अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए कि शीर्ष स्तर पर गंभीर मतभेद हैं।
यद्यपि सूत्रों ने कहा कि ऐसी संभावना है कि आडवाणी की नजदीकी समझे जाने वाली वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज और अन्य आडवाणी की अनुपस्थिति में मोदी की भूमिका के बारे में किसी घोषणा पर आपत्ति उठा सकते हैं। कहा जा रहा है कि दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह विचार है कि पार्टी को अब बिना कोई देरी किये मोदी को प्रचार समिति का प्रमुख घोषित कर देना चाहिए।
उधर, उमा भारती, जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा, योगी आदित्यनाथ जैसे आडवाणी के नजदीकी समझे जाने वाले नेता भी बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
यशवंत सिन्हा ने दिल्ली में कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक है। उन्होंने कहा कि वह किसी नमोनिया के शिकार नहीं हैं। नमोनिया शब्द का इस्तेमाल आज-कल गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदर्भ में हो रहा है। सिन्हा ने कहा, मुझे निमोनिया नहीं हुआ है। मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। मेरे गोवा नहीं जाने के अन्य कारण हैं।
पणजी में कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुरू होने के तत्काल बाद पार्टी ने संकेत दिये कि कल तक कुछ निर्णय हो सकता है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि बैठक में हिस्सा लेने वाले नयी उर्जा, नये विश्वास और नये जोश के साथ वापस जाएंगे।
हालांकि, वह इस प्रश्न को टाल गए कि क्या इस बयान का यह अर्थ है कि मोदी के लिए बड़ी भूमिका की घोषणा होगी। उन्होंने कहा, कल तक इंतजार कीजिए।
पार्टी के एक अन्य नेता एवं पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भाजपा गोवा में ऐसी बड़ी घोषणा करने जा रही है जिससे पार्टी मजबूत होगी और उसे संप्रग सरकार के विकल्प के रूप में पेश करेगी। उन्होंने यह बात इस प्रश्न के उत्तर में कही कि क्या बैठक में मोदी को पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जाएगा। उमा भारती और यशवंत सिन्हा जैसे नेताओं की अनुपस्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को इस बारे में सूचना दी होगी।
उन्होंने कहा, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए व्हिप जैसी कोई चीज नहीं होती है जो कि सदस्यों को इसमें हिस्सा लेने के लिए बाध्य कर सके। यह पूछे जाने पर कि क्या आडवाणी की अनुपस्थिति में बड़े फैसले किये जाएंगे, जावडेकर ने कहा कि वरिष्ठ नेता ने बैठक के लिए अपना आशीर्वाद दिया है और वह खराब स्वास्थ्य के चलते इसमें हिस्सा लेने में असमर्थ हैं। इसी के साथ जावडे़कर ने कहा, हमारी पार्टी में कोई भी निर्णय सभी की सहमति के बिना नहीं लिया जाता।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मोदी के बारे में घोषणा करने को इच्छुक है और आरएसएस ने इसके लिए अपनी हामी भर दी है। कम से कम दो वरिष्ठ नेताओं ने कहा, आडवाणी बैठक में हों या नहीं, मोदी के बारे में घोषणा की संभावना जरूर है।
जावडे़कर ने इस बात पर जोर देकर कहा कि वाकई आडवाणी अस्वस्थ हैं और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उनके डाक्टरों से बातचीत भी की है। जावडे़कर के अनुसार उसके बाद सिंह ने आडवाणी को आराम करने की सलाह दी जबकि वह कम से कम दूसरे दिन यहां आने को इच्छुक थे।
आडवाणी पर सवालों की बौछारे झेलते हुए पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि वह सामान्यत: बीमार नहीं पड़ते हैं लेकिन उन पर बदलते मौसम का असर हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले 50 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि आडवाणी ऐसी बैठक में नहीं आए हैं।
जावडे़कर ने कहा कि आडवाणी कम से कम अंतिम दिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने को इच्छुक थे लेकिन सिंह ने उन्हें उनके खराब स्वास्थ्य और डाक्टरों की राय के चलते ऐसा नहीं करने को कहा। डाक्टरों ने आडवाणी से आराम करने की सलाह दी है। जावडे़कर ने कहा, हमारे पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि आप आराम कीजिए। हम आपसे मिलने आयेंगे।
भाजपा नेताओं ने कहा कि सिंह ने आज आडवाणी से उनकी तबीयत जानने के लिए बातचीत की। उन्होंने आडवाणी को तनाव नहीं लेने की सलाह दी। भाजपा ने इन खबरों का खंडन किया कि सिंह मोदी की प्रचार समन्वय समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्ति पर चर्चा करने के लिए जनता दल यूनाइटेड जैसे राजग घटक दलों के संपर्क में है।
जावडे़कर ने कहा, जदयू पहले ही कह चुका है कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है। पार्टी ने जोर देकर कहा कि उसके संगठन में कहीं कोई गुटबाजी नहीं है।