इस साल के शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के चमेल सिंह को पाकिस्तान के कोट लखपत कोट जेल में मौत के घाट उतार दिया गया था। सरबजीत सिंह की मौत के बाद चमेल सिंह का परिवार पाकिस्तान के जेलों में भारतीय कैदियों के साथ हो रही बेरहमी के मामले को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में उठाने की मांग कर रहा है।सरबजीत सिंह की मौत की खबर से उनका परिवार ही नहीं पूरा देश गमगीन है। कई… इस साल के शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के चमेल सिंह को पाकिस्तान के कोट लखपत कोट जेल में मौत के घाट उतार दिया गया था। सरबजीत सिंह की मौत के बाद चमेल सिंह का परिवार पाकिस्तान के जेलों में भारतीय कैदियों के साथ हो रही बेरहमी के मामले को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में उठाने की मांग कर रहा है।सरबजीत सिंह की मौत की खबर से उनका परिवार ही नहीं पूरा देश गमगीन है। कई ऐसे भी परिवार है जिनके अपनों को सरबजीत सिंह की तरह पाकिस्तान की जेल में मौत के घाट उतार दिया गया। सबरजीत सिंह की मौत की खबर से इन परिवारों का जख्म एकबार फिर हरा हो गया है। इसी साल 15 जनवरी को लाहौर की कोट लखपत जेल में 50 साल के चमैल सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया था। पीड़ित परिवार पाक जेल में भारतीय कैदियों पर हो जुर्म और कत्ल के मामले को अंतर्राष्रीयाय कोर्ट में ले जाने की मांग की कर रहे है।उधर सरबजीत सिंह की मौत की खबर से उनके दो साथी स्वर्ण लाल और विनोद साहनी भी सकते में हैं। स्वर्ण लाल ने सरबजीत सिंह के साथ लाहौर के उसी कोट लखपट जेल में करीब 14 साल गुजारे थे। पाकिस्तान जेलों से रिहा हुए भारतीयों के मुताबिक सरबजीत सिंह और चमैल सिंह का कत्ल एक साजिश के तहत किया गया है और इसके पीछे पाक सरकार की एक सोची समझी चाल है। लिहाजा पाकिस्तान की इस नापाक करतूत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की जरुरत है।