खबर पी7 न्यूज की खबर के असर की, यूपी में मुफ्त लैपटॉप बांटने के नाम पर बच्चों से धन की उगाही की जा रही है। आम आदमी की तरफ से हुए इस स्टिंग को हमने देश को दिखाया और हमने पार्टी के महासचिव से भी बात की जिन्होंने कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन खबर दिखाए जाने के बाद ही डीएम ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
यूपी की अखिलेश सरकार बच्चों को मुफ्त लैप…
खबर पी7 न्यूज की खबर के असर की, यूपी में मुफ्त लैपटॉप बांटने के नाम पर बच्चों से धन की उगाही की जा रही है। आम आदमी की तरफ से हुए इस स्टिंग को हमने देश को दिखाया और हमने पार्टी के महासचिव से भी बात की जिन्होंने कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन खबर दिखाए जाने के बाद ही डीएम ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
यूपी की अखिलेश सरकार बच्चों को मुफ्त लैपटॉप देकर वाहवाही लूटने में लगी है लेकिन उन्हीं की सरकार के मुलाजिम इस पर बट्टा लगाने पर तुले हैं। कहने को तो सरकार इन बच्चों को लैपटॉप मुफ्त में दे रही है लेकिन एक स्टिंग ने सरकार के इस दावे को आइना दिखा दिया है। सरकार बच्चों को लैपटॉप तो मुफ्त में ही दे रही है लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए उनको बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। आप खुद देखिए चंदौली के श्री सच्चा अध्यात्म महाविद्यालय में हो रहे इस गोरखधंधे को।
लैपटॉप लेने के लिए स्कूल से बच्चों की लिस्ट सरकार को भेजी जाती है लेकिन उस लिस्ट में नाम लिखा लेना सबके बस की बात नहीं उसके लिए बकायदा कीमत तय है। एक हजार से पच्चीस सौ रूपए में बच्चों का नाम लिखा जा रहा है और जो देने से मना करे उसे लौट जाने का दो टूक जवाब दे दिया जाता है। यही नहीं रेट कम भी नहीं होता चाहे आप प्रिंसिपल तक पहुंच जाएं। पहले से ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने वाले विपक्ष को स्टिंग में दिखी सच्चाई के बादमौका मिल गया है।
इस बारे में जब हमने एसपी के महासचिव और राज्य में मंत्री राम आसरे कुशवाहा से बात की तो उन्होंने इस धांधली को पहला मामला बताया और वादा किया कि तीन दिनों में जांच करके दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री जी भले ही तीन दिनों का वक्त मांग रहे हों लेकिन पी7 न्यूज़ पर खबर दिखाए जाने का असर सरकारी हलकों में फौरन दिखाई पड़ा। खबर देखने के बाद चंदौली के डीएम ने दो अधिकारियों की एक टीम को मामले की जांच का आदेश दे दिया। जांच की जा रही है और उम्मीद है दोषियों को सजा भी मिल जाएगी लेकिन आम आदमी पार्टी की तरफ से किए गए इस स्टिंग ने पूरी योजना पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं और शक गहराने लगा है कि जिन जिलों में लैपटॉप बांटे जा चुके हैं कहीं वहां भी तो ऐसा ही खेल नहीं हुआ है।