पेट्रोलियम कंपनियों ने डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपयों की कमजोरी का हवाला देते हुए पेट्रोल के दाम 2 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। मालूम हो, इस महीने पेट्रोल की कीमत में यह दूसरी बढ़ोतरी हुई है। कहा जा रहा है डालर के मुकाबले रुपया कमजोर पड़ने से आयात महंगा हो गया इसलिये दाम बढ़ाये गए।
रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी शनिवार मध्यरात्र…
पेट्रोलियम कंपनियों ने डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपयों की कमजोरी का हवाला देते हुए पेट्रोल के दाम 2 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। मालूम हो, इस महीने पेट्रोल की कीमत में यह दूसरी बढ़ोतरी हुई है। कहा जा रहा है डालर के मुकाबले रुपया कमजोर पड़ने से आयात महंगा हो गया इसलिये दाम बढ़ाये गए।
रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी शनिवार मध्यरात्रि से लागू होगी। दो रुपए की वृद्धि में स्थानीय बिक्री कर अथवा वैट शामिल नहीं है। इसलिए वास्तविक मूल्यवृद्धि इससे ज्यादा होगी। डीजल के दाम में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया।
दिल्ली में पेट्रोल के दाम 2.40 रुपए बढ़कर 66.39 रुपए हो गए जो पूर्व में 63.99 रपये थे। इससे पहले तेल कंपनियों ने एक जून को पेट्रोल के दाम में 75 पैसे लीटर की बढ़ोतरी की थी।
वहीं, मुंबई में पेट्रोल के दाम 2.52 रुपए बढ़कर 74.60 रुपए प्रति लीटर हो गए, जबकि कोलकाता में दाम 71.29 रुपए से बढ़कर 73.79 रुपए प्रति लीटर हो गये। वहीं चेन्नई में पेट्रोल के दाम 2.54 रुपए बढ़कर 69.39 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गये।
इंडियन ऑयल कारपोरेशन के एक अधिकारी ने कहा, पिछली बार की गई मूल्य वृद्धि के बाद से डालर के मुकाबले रपया लगातार कमजोर हुआ है और यह 55.32 से गिरकर 57.08 रुपए प्रति डालर रह गया। उन्होंने कहा इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम भी बढ़े हैं। इन दोनों कारकों के चलते पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं।
दूसरी ओर, इस साल जनवरी में सरकार द्वारा सार्वजनिक तेल कंपनियों को डीजल के दाम बढ़ाने के लिए अधिकृत किए जाने के बाद से डीजल के दाम पांच बार बढ़ाए गए हैं। हालांकि, यह मूल्यवृद्धि हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर रही। डीजल के मूल्य में अगला संशोधन इस महीने के अंत तक हो सकता है।
उन्होंने बताया कि डीजल बिक्री पर घाटा इस महीने की शुरआत में 4.87 रुपए प्रति लीटर था जो अब बढ़कर 6.31 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। इसके अलावा, तेल कंपनियों को केरोसिन पर 27.75 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस पर 335.14 रुपए प्रति सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) का घाटा हो रहा है।
कंपनी ने कहा कि वर्तमान दर पर आईओसी को चालू वित्त वर्ष के अंत तक कुल करीब 60,000 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है, जबकि समूचे उद्योग को (आईओसी व अन्य सार्वजनिक तेल कंपनियां) करीब 1,12,500 करोड़ रुपए की वसूली का नुकसान होने का अनुमान है।