प्रकाश सिंह बादल हो सकते हैं राजग के नये संयोजक

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भाजपा नीत गठबंधन से जदयू के अलग होने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल राजग के नये संयोजक हो सकते हैं और उन्हें 2014 के चुनावों से पहले अन्य दलों को विपक्षी गठबंधन में शामिल होने के लिए मनाने का काम सौंपा जाएगा।

भाजपा के सूत्रों ने आज बताया कि 85 वर्षीय बादल को राजग का संयोजक बनाया जा सकता है। यह पद जदयू के भाजपा से रिश्ते तोड़ने के बाद ख…

प्रकाश सिंह बादल हो सकते हैं राजग के नये संयोजक

भाजपा नीत गठबंधन से जदयू के अलग होने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल राजग के नये संयोजक हो सकते हैं और उन्हें 2014 के चुनावों से पहले अन्य दलों को विपक्षी गठबंधन में शामिल होने के लिए मनाने का काम सौंपा जाएगा।

भाजपा के सूत्रों ने आज बताया कि 85 वर्षीय बादल को राजग का संयोजक बनाया जा सकता है। यह पद जदयू के भाजपा से रिश्ते तोड़ने के बाद खाली हो गया है। इससे पहले जदयू अध्यक्ष शरद यादव राजग के संयोजक थे।

राजग के गठन के समय से ही गठबंधन के संयोजक का पद जदयू के पास रहा। शरद यादव से पहले जॉर्ज फर्नांडीज ने इस पद पर रहते हुए नये दलों का विश्वास जीतने में अहम भूमिका अदा की।

अनेक दलों के बीच बादल की अच्छी साख मानी जाती है और उनके संयोजक बनने से राजग को मजबूत होने में भी मदद मिल सकती है।हालांकि भाजपा फिलहाल अगले लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़कर ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश करने और बाद में गठबंधन में सहयोगी दलों को जोड़ने के बारे में सोच सकती है।

पहले खबरें थीं कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे राजग के नये संयोजक हो सकते हैं लेकिन भाजपा के सूत्र बताते हैं कि बादल पहली पसंद हो सकते हैं।

भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर कहा, अन्य दलों को राजग में शामिल करने के लिए मनाने के लिहाज से उद्धव और शिवसेना कुछ अधिक दक्षिणपंथी हैं। इसके अलावा हम राज ठाकरे की अगुवाई वाली मनसे को गठबंधन में जोड़ने के विकल्प को समाप्त नहीं करना चाहते जिसके उद्धव पुरजोर विरोधी हैं।

प्रकाश सिंह बादल सिख होने के नाते अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व भी करते हैं जिससे राजग को अपना अधिक उदार चेहरा पेश करने में मदद मिलेगी।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर उनकी पार्टी 170 से अधिक सीटें जीतने में कामयाब रही और कांग्रेस से कम से कम 40 या उससे ज्यादा सीटों की बढ़त प्राप्त हुई तो नये घटक दलों को जोड़ना मुश्किल काम नहीं होगा।पार्टी के एक नेता ने कहा, 180 सीटों का आंकड़ा पार करते ही भाजपा धर्मनिरपेक्ष हो जाती है।

उनका इशारा इस ओर था कि अगर भाजपा सत्ता के करीब पहुंचने वाली होगी तो अन्य कई दल राजग का हिस्सा बनने को तैयार हो सकते हैं। संयोजक को लेकर फैसला जल्दी आ सकता है।