बिहार: बच्चों को सरकार की तरफ से दिया जा रहा है जहर

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पहले छपरा में मिड डे मिल खाने से 22 बच्चों की मौत और उसके बाद मधुबनी में 50 बच्चे मिड डे मील से बीमार हो गए हैं। यही नहीं गया में मिड डे मील बनाने के दौरान सल्फास की पुड़िया बरामद हुई है। संदेह बढ़ गया है कि कोई वाकई साजिश तो नहीं रच रहा? क्या ऐसे में बिहार सरकार को मिड डे मील देना कम से कम कुछ वक्त के लिए बंद नहीं कर देना चाहिए?

क्या छपरा में स्कूल…

बिहार: बच्चों को सरकार की तरफ से दिया जा रहा है जहर

पहले छपरा में मिड डे मिल खाने से 22 बच्चों की मौत और उसके बाद मधुबनी में 50 बच्चे मिड डे मील से बीमार हो गए हैं। यही नहीं गया में मिड डे मील बनाने के दौरान सल्फास की पुड़िया बरामद हुई है। संदेह बढ़ गया है कि कोई वाकई साजिश तो नहीं रच रहा? क्या ऐसे में बिहार सरकार को मिड डे मील देना कम से कम कुछ वक्त के लिए बंद नहीं कर देना चाहिए?

क्या छपरा में स्कूली बच्चों को मिड-डे मील के नाम पर ज़हर परोसा गया। बिहार के शिक्षामंत्री पी के शाही ने इसी बात का शक ज़ाहिर किया है। मासूमों की मौत से छपरा में मातम पसरा है तो वहीं सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा भी सामने आया है।

जहरीले निवाले से हुई बच्चों की मौत के बाद बिहार के छपरा में मातम पसरा है। आशंका जताई जा रही है कि सरसों के साथ सल्फास की गोलियां पिसने से तेल जहरीला हो गया था और इसी तेल से बने खाने ने मासूमों की जिंदगियां ले ली।

मरने वालों में एक ही परिवार के 9 बच्चे भी शामिल हैं जबकि 50 से ज्यादा मासूम अब भी पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। इनमें से कुछ की हालत नाज़ुक बनी हुई है। घटना पूरी तरह से सियासी रंग में रंग चुकी है और बिहार के शिक्षा मंत्री को इसमें साजिश नजर आ रही है।

वहीं सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। छपरा समेत कई जगहों पर गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए। गाड़ियों को पलट दिया, टेलीफोन बूथ तोड़ दिए, बसों के कांच तोड़ दिए और सड़कों पर आगजनी की। उग्र भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा जिसमें कई लोग घायल भी हो गए।

हादसे में कई घरों के चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बुझ गए। मशरख में आज मौत का सन्नाटा है। सरकार जांच का भरोसा दे रही है लेकिन इस बात की गारंटी कौन देगा कि कभी दोबारा मौत की खिचड़ी बच्चों की थाली में नहीं परोसी जाएगी।

आरोप प्रत्यारोप के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका जिम्मेदार ठहराया है। लालू की मानें तो बिहार के मुख्यमंत्री दूसरों पर आरोप मढ़ कर अपनी नाकामी को नहीं छुपा सकते।

बिहार में मिड-डे मील का कहर अभी थमा भी नहीं है कि मुफ्त में मिलने वाली विटामिन की खुराक ने एक बच्चे की जिंदगी निगल ली। विटामिन ए की खुराक लेने के बाद गया में कई बच्चे बीमार हो गए।

बिहार में शासन और प्रशासन की लापरवाही बच्चों को भारी पड़ रही है। एक तरफ जहां मिड-डे मील का खाना खाकर कई बच्चों ने अपनी जान गंवा दी वहीं विटामिन ए की खुराक ने गया में गदर मचा दिया। सरकार की तरफ से दी जाने वाली इस दवा को पीने से एक बच्चे की जान चली गई।

दरअसल यहां के एक गांव में आंगनबाड़ी सेविका ने बच्चों को मुफ्त की दवा की खुराक पिलाई। विटामिन ए की ये खुराक बच्चों को सरकार की तरफ से दी जाती है लेकिन इस दवा को पीने के बाद से ही बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। आनन फानन में उन्हें सबसे पहले नजदीकी अस्पताल में दाखिल कराया गया लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उनको रेफर कर दिया गया। इसी दौरान अस्पताल पहुंचने से पहले ही सात साल के रोशन की मौत है गई जबकि अस्पताल में अब भी कई बच्चों का इलाज चल रहा है।

सरकार मुफ्त की योजनाओं का ऐलान तो जनता की सेवा के लिए करती है लेकिन बिहार में ऐसे ऐलान का हश्र ये साबित करता है कि ये महज चुनावी वादे भर हैं। किताबों में वादे को पूरा तो दिका दिया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत से इनका कोई वास्ता नहीं रहता।