इमालवा – नई दिल्ली। लद्दाख में डेरा जमाए चीनी सैनिक अब शायद ही वहां से हटेंगे। वरिष्ठ सरकारी और खुफिया अधिकारियों के मुताबिक पश्चिमी लद्दाख के राकी नुल्लाह में जमे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान अब शायद ही वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक चीन घुसपैठ के जरिए यह देखना चाहता था कि भारत क्या प्रतिक्रिया करता है। लद्दाख में चीनी सैनिकों को घुसे और तंबू गाड़े 15 दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन भारत ने अभी कूटनीतिक जवाब ही दिया है।
ऎसे में सैन्य कार्रवाई की भी संभावन नहीं के बराबर है। इससे चीन का हौसला बढ़ गया है। अधिकारियों के मुताबिक किसी तरह की सैन्य कार्रवाई से चीन को तनाव बढ़ाने का मौका मिल जाएगा। ऎसे में चीनी सैनिकों को खदेड़ने से भारत को कोई फायदा नहीं होगा। अगर भारत चीन की सीमा में शिविर स्थापित करता है तो वह वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक और भारतीय जमीन पर कब्जा कर लेगा।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के मुकाबले चीन की ज्यादा फोर्स तैनात है। ऎसे में भारत के पास मात्र एक ही विकल्प है कि वह चीनी शिविरों को घेर लें और चीनी सैनिकों को होने वाली सप्लाई को रोक दें लेकिन ऎसा शुरूआत में ही हो सकता था।