भारत के पड़ोस में कई तरह की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरूवार को कहा कि देश की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है और वह हिन्द महासागर क्षेत्र में पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की स्थिति में है।
प्रधानमंत्री ने पहले से तेज रफ्तार से दुनिया में आ रहे बदलाव के बीच चुनौतियों एवं अवसरों को पूरा करने के लिए उच्च रक्षा…
भारत के पड़ोस में कई तरह की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरूवार को कहा कि देश की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है और वह हिन्द महासागर क्षेत्र में पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की स्थिति में है।
प्रधानमंत्री ने पहले से तेज रफ्तार से दुनिया में आ रहे बदलाव के बीच चुनौतियों एवं अवसरों को पूरा करने के लिए उच्च रक्षा संगठनों की सामरिक सोच को नये सिरे से स्थापित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।
सिंह ने कहा कि भारत कई तरह की सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, खासकर इसके मुश्किल पड़ोस के कारण, जहां से कई तरह की पारंपरिक, सामरिक और अपारंपरिक चुनौतियां हैं।
प्रधानमंत्री ने हरियाणा के गुड़गांव शहर के बाहरी क्षेत्र में बिनोला गांव के करीब भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के बाद ये बातें कही। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत की प्रतिरोधक क्षमताएं भी परिपक्व हुई हैं और यह ठोस आकार ले चुकी हैं।
बकौलप प्रधानमंत्री, हम हिन्द महासागर क्षेत्र में स्थिरता कायम रखने की अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं। हम अपने करीबी और इसके आगे के क्षेत्र में भी सुरक्षा प्रदाता बनने की अच्छी स्थिति में हैं।
सिंह ने कहा कि इसी के साथ, हम आज अपारंपरिक खतरों से निबटने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में हैं, खासकर साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्रों मेंं। हम साइबर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय संरचना लागू कर रहे हैं और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक का एक कार्यालय स्थापित करने के लिए कदम उठाये गये हैं।