दिल्ली विधानसभा चुनाव से खुद को दूर रख रहे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अब अपनी पूरी ताकत झोंकने का फैसला किया है।
कड़े मुकाबले में फंसी पार्टी को उबारने के लिए मोदी ने दिल्ली में दो और दिन प्रचार के लिए देने पर हामी भर दी है। राज्य इकाई इसके लिए कई दिनों से आलाकमान से गुहार लगा रही थी।
अन्य चुनावी राज्यों में बढ़ती मांग के अनुरूप मोदी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को भी पहले से तय कार्यक्रम में शिरकत करने के अलावा एक अतिरिक्त दिन देने का फैसला किया है।
दरअसल इन सभी राज्यों में कड़े मुकाबले में घिरी पार्टी की राज्य इकाई लगातार मोदी की ज्यादा से ज्यादा सभा कराने की मांग कर रही थी।
इस पर गहन विचार विमर्श के बाद मोदी ने इन राज्यों में चुनाव प्रचार में अतिरिक्त समय देने का फैसला किया। हालत यह है कि कोई भी राज्य इकाई मोदी के अतिरिक्त किसी और नेता के अतिरिक्त कार्यक्रम की मांग नहीं कर रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रति मोदी की उदासीनता कई बार दिखी। राज्य में एक रैली करने के अलावा मोदी ने न तो यहां के लिए उम्मीदवार तय करने के लिए हुई सीईसी की बैठक में शिरकत की थी और न ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तय करने के लिए बुलाई गई संसदीय बोर्ड की बैठक में ही हिस्सा लिया था।
शुरू में ही एक रैली को संबोधित कर चुके मोदी की योजना फिर से दिल्ली में चुनाव प्रचार करने की नहीं थी। मगर डॉ. हर्षवर्धन के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तय होने के बाद से ही राज्य इकाई आलाकमान पर राज्य के लिए मोदी से समय मांगने का लगातार दबाव डाल रही थी।
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने मोदी के दिल्ली में दो और दिन चुनाव प्रचार करने पर हामी भरने की पुष्टि की।
मोदी ने राज्य इकाइयों की जबर्दस्त मांग के बाद मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को भी एक और दिन प्रचार के लिए देने पर हामी भर दी है।
मध्यप्रदेश में पहले ही एक रैली कर चुके मोदी अब आगामी 18, 20, 21, 22 और 23 को, छत्तीसगढ़ में आगामी 14 और 15 तारीख को और राजस्थान में 19, 24 और 28 तारीख को रैली करने पर सहमति दी है।
इन राज्यों में पहले भी चुनाव प्रचार कर चुके मोदी का कार्यक्रम पहले मध्य प्रदेश को चार और दिन, छत्तीसगढ़ को एक और दिन और राजस्थान को तीन और दिन देने की थी।