एनडीए से जद (यू) के अलग हो जाने के बाद अपने खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों पर भाजपा नेताओं को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगर उन्होंने अपना मुंह खोला तो उनमें से कई परेशानी में होंगे।
नीतीश ने कहा, अगर मैंने अपना मुंह खोला तो अनेक लोग परेशानी में होंगे। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जद (यू) के उन आरोपों को खारिज कर दिय…
एनडीए से जद (यू) के अलग हो जाने के बाद अपने खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों पर भाजपा नेताओं को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगर उन्होंने अपना मुंह खोला तो उनमें से कई परेशानी में होंगे।
नीतीश ने कहा, अगर मैंने अपना मुंह खोला तो अनेक लोग परेशानी में होंगे। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जद (यू) के उन आरोपों को खारिज कर दिया था कि नरेंद्र मोदी निरंकुश और विभाजनकारी नेता हैं। उन्होंने 17 साल तक गठबंधन का हिस्सा रहने के बाद अचानक गुजरात के मुख्यमंत्री में खामी पाने के लिए जद (यू) पर निशाना साधा था।
भाजपा अध्यक्ष ने कुमार की कांग्रेस के साथ बढ़ती नजदीकियों पर भी सवाल खड़ा किया था। सिंह के पूर्ववर्ती नितिन गडकरी ने कुमार पर अपनी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व राजग संयोजक नंदकिशोर यादव, राजीव प्रताप रूड़ी, शाहनवाज हुसैन, रविशंकर प्रसाद, सीपी ठाकुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय राजग से जद (यू) के अलग होने के बाद कुमार पर शब्द बाण चला रहे हैं।
दोनों के बीच वैमनस्य इतना बढ़ गया कि गत 18 जून को बिहार बंद के दौरान जद (यू) और भाजपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे। विश्वास मत के दौरान भाजपा विधायकों ने कुमार पर निशाना साधा था। गत 16 जून को जद (यू) के भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद कुमार ने कहा था कि राजनैतिक मुद्दों का जवाब राजनैतिक रूप से दिया जाएगा। उन्होंने दोनों पार्टियों के नेताओं को सलाह दी थी कि वे एक-दूसरे पर उंगली नहीं उठाएं।