मोदी से मिले नीतीश, उठाया वित्त आयोग की सिफारिश से बिहार हो हुए नुकसान का मुद्दा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच गुरुवार को बहुप्रतिक्षित बैठक खत्म हो गई है. बैठक के ठीक बाद नीतीश ने कहा कि उन्होंने पीएम के सामने विशेष राज्य समेत अपनी तमाम मांगों को रखा, जबकि पीएम ने कहा कि वह उनकी मांगों पर गौर करेंगे.

साउथ ब्लॉक में हुई इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने बताया कि उन्होंने पीएम के सामने वित्त आयोग की सिफारिश से बिहार को हुए नुकसान का मुद्दा उठाया और घाटे की पूर्ति करने की बात कही. नीतीश ने कहा, ‘वित्त आयोग की सिफारिशों से बिहार को कुछ लाभ नहीं मिला. बैकवर्ड स्टेट होने के नाते जो फायदा था वह भी बीआरजीएफ के बंद होते ही खत्म हो गया. उससे भी हमें नुकसान हुआ. मैंने पीएम से यही मांग की कि इस नुकसान की भरपाई हो. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले.’

बिहार के सीएम ने कहा कि हमारी मांग है कि केंद्र संचालित योजनाओं के तहत पैसा राज्यों को मिले. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो हमारी मांगों पर गौर करेंगे. पांच साल के लिए 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये की योजना मंजूर हो चुकी है. नीतीश ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री के सामने एक बात स्पष्ट कर दी है कि नई योजनाओं के तहत बिहार को मदद की जरूरत है. हम चाहते हैं कि झारखंड के अलग होने के बाद केंद्र हमारी मदद करे और यह बात केंद्र भी अच्छे से समझती है.’

वाजपेयी को भारत रत्न का स्वागत
नीतीश कुमार ने इस मौके पर मोदी सरकार की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले का स्वागत किया. नीतीश ने कहा, ‘उन्हें सम्मान देना अच्छी बात है. हम इसका स्वागत करते हैं.’ दूसरी ओर, जनता परिवार के मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि गुरुवार को मुलायम सिंह यादव से भी मुलाकात करेंगे. जनता परिवार में शामिल होने का मामला अटका नहीं है, लेकिन इस ओर अभी आगे कदम बढ़ाया जाना बाकी है.

गौरतलब है कि गंगा सफाई पर पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है, जिससे ठीक पहले बिहार के सीएम ने मोदी दरबार में हाजिरी लगाई है. यह मुलाकात इस मायने में भी महत्वपूर्ण है‍ कि दोनों नेता वैचारिक स्तर पर एक-दूसरे धुर-विरोधी माने जाते हैं. एनडीए के घटक दल के तौर पर जेडीयू की रुखसती के पीछे भी नीतीश और मोदी के बीच की दूरी वजह बनी थी.