रेलवे ने किया ई – टिकिटिंग वेबसाईट्स को और मजबूत

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आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुकिंग को आसान बनाने के लिए रेलवे ने एक अभिनव प्रयोग शुरू किया है। अब यह वेबसाइट दो सर्वरों से जोड़ी जा रही है।

यात्रियों की ट्रेन संबंधी जानकारी के लिए प्रयोग के समय वेबसाइट एक सर्वर से जुड़ा होगा किंतु जैसे ही वे टिकट बुकिंग की प्रक्रिया शुरू करेंगे, वह लोड दूसरे सर्वर पर शिफ्ट कर देगा।

इस तरह वेबसाइट की क्षमता दोगुनी से भी ज्यादा हो जाएगी।

ऑनलाइन टिकट बुक कराने से पहले ज्यादातर लोग आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर पहले संबंधित स्थान पर जाने वाले विभिन्न ट्रेनों का नाम, उनके रवाना होने तथा गंतव्य पर पहुंचने का समय, किराया तथा विभिन्न श्रेणी में टिकटों की उपलब्धता देखते हैं।

इसके बाद ही वह यह तय करते हैं कि उन्हें किस ट्रेन में टिकट बुक करना है। इस ऑनलाइन इंक्वायरी में लोग ज्यादा समय लेते हैं। जबकि टिकट बुक करने में अपेक्षाकृत कम समय लगता है।

अभी एक ही सर्वर पर दोनों गतिविधियों के दौरान लोड पड़ता है। पीक ऑवर में एक साथ बड़ी संख्या में लोगों के वेबसाइट सर्फ करने के कारण अक्सर टिकट बुकिंग की प्रक्रिया के दौरान लाइन के डिसकनेक्ट या ड्रापआउट की समस्या खड़ी हो जाती है।

सेंटर फॉर रेलवे इंफार्मेशन सेंटर सिस्टम (क्रिस) के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने अब आईआरसीटीसी की वेबसाइट को दो सर्वर से जोड़ने का सुझाव दिया है।

जब तक कोई भी यात्री यात्रा संबंधी इंक्वायरी के लिए वेबसाइट पर काम करेगा, उसका संपर्क पहले सर्वर से रहेगा लेकिन जब वह टिकट बुक करने की प्रक्रिया शुरू करेगा तो वह तुरंत दूसरे सर्वर से जुड़ जाएगा।

इस प्रक्रिया के दौरान आईआरसीटीसी की वेब एड्रेस में भी कोई परिवर्तन नहीं करना पड़ेगा। भारतीय रेलवे में प्रतिदिन लगभग 15 लाख लोग टिकट बुक कराते हैं।

इनमें से 4.3 लाख टिकट ऑनलाइन आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से बुक होते हैं। कुछ समय पहले ही वेबसाइट की क्षमता 3.5 लाख टिकट प्रतिदिन से बढ़ाकर 5 लाख टिकट की गई है।