लोकसभा सांसदों की हरकत से गुरुवार को फिर एकबारगी देश शर्मसार हो गया. तेलंगाना बिल पर कांग्रेसी सांसद लगदापति राजगोपाल ने जमकर हंगामा किया. बताया जाता है कि इन्होंने सदन में काली मिर्च पाउडर स्प्रे किया और स्पीकर की माइक के तार भी नोंच डाले.
स्प्रे छिड़के जाने और माइक आदि तोड़े जाने की अभूतपूर्व अफरातफरी की घटनाओं और हंगामे के बीच लोकसभा में आज विवादास्पद आंध्रप्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2014 पेश कर दिया गया. एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही तेलंगाना विरोधी सांसदों ने लोकसभा में भारी उत्पात मचाना शुरू कर दिया.
अध्यक्ष मीरा कुमार अभी आसन पर बैठ भी नहीं पाई थीं कि तेदेपा के वेणुगोपाल रेड्डी ने लोकसभा महासचिव की कुर्सी पर चढ़कर अध्यक्ष की मेज पर रखे तेलंगाना विधेयक और अन्य कागजात को छीनना शुरू कर दिया और महासचिव के माइक को खींचकर तोड़ डाला.
कुछ सदस्य उन्हें ऐसा करने से रोक ही रहे थे कि कांग्रेस के एल राजगोपाल ने पेपरवेट उठाकर रिपोर्टर की मेज पर रखे एक बक्से को तोड़ डाला जिससे जोर का धमाका हुआ और उसके बाद अपनी जेब से मिर्च स्प्रे निकालकर चारों ओर छिड़कने लगे.
स्प्रे छिड़कने से सदन में और दर्शक एवं पत्रकार दीर्घाओं में बैठे सभी लोगों की आंखों में जलन होने लगी और खांसी आने लगी. इससे कुछ सदस्य काफी असहज महसूस करने लगे, जिसके बाद सदन में संसद के डॉक्टर को बुलाना पड़ा. कुछ सदस्यों को उपचार के लिए एंबुलेंस से राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया.
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सांसद विनय पांडे, पूनम प्रभाकर और बलराम नाइक को भर्ती कराया गया है. उपचार के बाद बलराम नाइक ने बताया कि हम राजगोपाल को रोकने जा रहे थे कि वो स्पीकर के पास न जाएं तभी उन्होंने मेरे और प्रभाकर के ऊपर स्प्रे कर दिया.
भारी उत्पात और अफरातफरी में तेलंगाना विधेयक कब पेश हुआ, इसका पता ही नहीं चला और बाद में कानून मंत्री कपिल सिब्बल और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने बताया कि विधेयक पेश कर दिया गया है.
चाकू भी निकाला गया !
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि इस घटना के दोषी सांसद के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. टीडीपी सांसद वेणुगोपाल के चाकू ले जाने की भी खबर है, पर वेणुगोपाल ने इस बात को सिरे से नकार दिया है. कमलनाथ ने कहा कि उन्हें भी चाकू की खबर बताई गई है. उधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी का इस घटना के बाबत कहना है कि मैं इससे बहुत दुखी हूं. यह शर्मनाक था. सेशन के दौरान ऐसा नहीं होना चाहिए. सांसद शरद यादव ने सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तो सांसद लोकसभा में भी सुरक्षित नहीं हैं.