विधानसभा में विश्वासमत हासिल करेंगे नीतीश

0

बीजेपी से नाता टूटने के बाद जारी जंग के बीच अब बारी है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परीक्षा की। आज नीतीश कुमार विधानसभा में विश्वासमत हासिस करेंगे। हालांकि यह साफ हो चुका है कि निर्दलीय विधायकों के समर्थन से नीतीश के लिए विश्वासमत हासिल करना मुश्किल नहीं है।

बीजेपी से रिश्ते तोड़ने के एलान के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 जून…

विधानसभा में विश्वासमत हासिल करेंगे नीतीश

बीजेपी से नाता टूटने के बाद जारी जंग के बीच अब बारी है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परीक्षा की। आज नीतीश कुमार विधानसभा में विश्वासमत हासिस करेंगे। हालांकि यह साफ हो चुका है कि निर्दलीय विधायकों के समर्थन से नीतीश के लिए विश्वासमत हासिल करना मुश्किल नहीं है।

बीजेपी से रिश्ते तोड़ने के एलान के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 जून को विश्वासमत हासिल करने की बात कही थी। अब वो घड़ी भी आ चुकी है। हालांकि बिहार विधानसभा के मौजूदा हालात नीतीश के पक्ष में ही नज़र आ रहे हैं।

243 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 122 सदस्यों की जरूरत है। जेडीयू के पास 118 विधायक हैं। विधानसभा में बीजेपी के 91, आरजेडी के 22, कांग्रेस के 4, एलजेपी और सीपीआई के 1-1 विधायकों के अलावा 6 निर्दलीय विधायक हैं। यानी नीतीश को विश्वासमत हासिल करने के लिए महज 4 विधायकों की दरकार है।

जेडीयू को 4 निर्दलीय विधायकों का समर्थन पहले ही मिल चुका है। इनमें पश्चिमी चंपारण के लौरिया से विधायक विनय बिहारी, शिहोर के ढाका से विधायक पवन कुमार जायसवाल, औरंगाबाद के ओबरा से विधायक सोम प्रकाश सिंह और कटिहार के बैरमपुर से विधायक दुलालचंद्र गोस्वामी शामिल हैं। इनके अलावा एलजेपी के इकलौते विधायक ज़ाकिर हुसैन ख़ान ने भी नीतीश को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। ज़ाकिर हुसैन बीजेपी को सांप्रदायिक मानते हुए उसके साथ नहीं दिखना चाहते। लेकिन अब तक एलजेपी से दोस्ती रखनेवाले लालू ने तय कर लिया है कि उनकी पार्टी नीतीश के ख़िलाफ़ वोट देगी।

सवाल है कि क्या नीतीश विरोध के नाम पर लालू अपने धुर विरोधी बीजेपी से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं? क्या लालू का रवैया किसी नए गठजोड़ की ओर इशारा कर रहा है?

उधर, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि उसके विधायक वोटिंग से दूर रहेंगे। इसी तरह सीपीआई के इकलौते विधायक भी वोटिंग से दूर रहेंगे। कुल मिलाकर नीतीश का विश्वासमत हासिल करना लगभग तय है लेकिन साथ ही ये विश्वासमत आनेवाले समय में नए सियासी समीकरणों की ओर भी इशारा कर रहा है।