सदन में हंगामा: पीएम और चिदंबरम का इस्तीफा मांगा

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नई दिल्‍ली । बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। विपक्ष, कोयला घोटाले पर कानून मंत्री के बयान और उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए टाल दी गई। बीजेपी ने 2जी घोटाले और कोयला घोटाले के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री चिदंबरम और कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग की है।

बीजेपी के प्रवक्ता और राज्यसभा में उपनेता रविशंकर प्रसाद ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कबसे सीबीआई को अश्विनी कुमार से अंग्रेजी समझने में मदद लेनी पड़ रही है। प्रसाद ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने बीजेपी की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पिछले 9 सालों में वे कई बार पीएम का इस्तीफा मांग चुके हैं। 

इस बीच, संसद में बने गतिरोध को लेकर कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक चल रही है। इससे पहले, संसद के दोनों सदनों में बजट सत्र के दूसरे हिस्से का पहला दिन हंगामेदार रहा। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले पर सीबीआई रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप का मसला अहम रहा। दुष्कर्म के बढ़ते मामले और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से दिल्ली में बदसलूकी के मुद्दे भी हंगामे की वजह बने। इससे दोनों सदनों में कामकाज ठप रहा।
 
लोकसभा में जैव विविधता नियामक प्राधिकरण और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से जुड़े दो विधेयक ही पेश हुए। इसके अलावा कोई कामकाज नहीं हुआ। राज्यसभा में सीबीआई रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप के मुद्दे पर विपक्ष ने चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की। इससे माहौल गरमा गया। सरकार बहस को राजी थी। लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कानून मंत्री अश्विनी कुमार को सदन में बुलाकर उनके बयानों की मांग पर अड़ा रहा। हंगामे की वजह से लोकसभा में एक बार स्थगन के बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं राज्यसभा में तीन बार कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
 
हंगामे के बीच ही दोनों सदनों में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे का दिल्ली में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म और बेंगलुरू ब्लास्ट को लेकर बयान आया। उसे पटल पर ही रख दिया गया। पढ़ा नहीं जा सका। सदन के बाहर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग की। इसे संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने खारिज कर दिया।
सीबीआई कबूल सकती है रिपोर्ट में केंद्र का हस्तक्षेप
सीबीआई कोयला घोटाले से संबंधित रिपोर्ट में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की बात सुप्रीम कोर्ट में कबूल सकती है। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में 26 अप्रैल को हलफनामा दायर करना है। इसमें यह कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट में पेश होने से पहले रिपोर्ट को कानून मंत्री ने देखा था। कुछ हेर-फेर भी किए थे। मीडिया में खबर आने के बाद केंद्र सरकार ने रिपोर्ट में हस्तक्षेप से इंकार किया था। जांच एजेंसी ने भी केंद्र के दबाव में आने की खबरों का खंडन किया था। उन्हें महज अटकलबाजियां बताया था।