प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, ऐसी अटकलें सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय की टिप्पणी के बाद लगने लगी थी। लेकिन मनमोहन सिंह ने ऐसी बातों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि सोनिया और उनके बीच बहुत अच्छा वार्तालाप होता है और उनके बीच कोई अनबन नहीं है।
दरअसल, अरुणा रॉय ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद यानी एनएस…
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, ऐसी अटकलें सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय की टिप्पणी के बाद लगने लगी थी। लेकिन मनमोहन सिंह ने ऐसी बातों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि सोनिया और उनके बीच बहुत अच्छा वार्तालाप होता है और उनके बीच कोई अनबन नहीं है।
दरअसल, अरुणा रॉय ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद यानी एनएसी की सदस्यता छोड़ने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि उनकी बात प्रधानमंत्री ने नहीं मानीं, जबकि वह एनएसी की सदस्य हैं। इसके बाद से ऐसी अटकलें लगाई जाने लगीं कि सोनिया और मनमोहन सिंह में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। लेकिन मनमोहन सिंह ने कहा, ‘सच बात यह है कि मेरे और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच विचारों में कोई मतभेद नहीं है।’
साथ ही उन्होंने कहा, ‘तकरीबन हर मुद्दे पर हम साथ काम करते हैं और जहां विचार-विमर्श की जरूरत होती है, मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मशविरा करता हूं। वह भी मुझे पूरा सहयोग करती हैं।’
लेकिन जब प्रधानमंत्री से ये सवाल किया गया कि क्या तत्कालीन कानून मंत्री अश्विनी कुमार से इस्तीफा लेने के लिए उन पर सोनिया ने दबाव डाला था। इस पर सिंह बोले, ‘इस धारणा में कोई सच्चाई नहीं है कि कुछ मुद्दों को लेकर विचारों में मतभेद हैं।’
हालांकि जानकारों को मानना है कि सोनिया और मनमोहन के बीच तब अनबन हुई, जब मनमोहन सिंह ने तीसरी बार यूपीए की ओर से प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश जाहिर की थी। दरअसल, मनमोहन से पूछा गया कि क्या वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा क्यों नहीं? वो दूसरी बात है कि सोनिया और मनमोहन दोनों ही रिश्तों में अनबन की बातों से इंकार कर रहे हैं।