नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भले ही राज्यसभा में कहा हो कि सरकार की मंशा देश की शिक्षा पद्धति में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का एजेंडा लागू करने की नहीं है, लेकिन अब संघ की एजूकेशन विंग विद्या भारती के सदस्य दीना नाथ बत्रा ने खुलासा किया है कि स्मृति ने उनसे पूरे देश का पाठ्यक्रम बदल देने का विश्वास दिलाया है।
दरअसल, गुजरात में बत्रा की लिखी किताबों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की कवायद जारी है। वहां के राज्य पाठ्यपुस्तक निगम ने बत्रा की लिखी आठ किताबों का गुजराती में अनुवाद कराया है। इन किताबों को प्रदेश के 42,000 स्कूलों में वितरित किया जाएगा। इनमें स्वदेशी चीजों के इस्तेमाल करने और जन्मदिन पर गायों को दूध पिलाने पर जोर दिया गया है। साथ ही एक अन्य किताब ‘अखंड भारत’ में पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत के नक्शे में शामिल किया गया है।
बत्रा ने एक अंग्रेजी अखबार से चर्चा में खुलासा किया है कि मंत्री बनने के बाद ही मैं स्मृति ईरानी से मिला था और उनसे गुजारिश की है कि उनकी किताबों में लिखी बातों को देशभर के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। उनके मुताबिक, पाठ्यक्रमों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एनसीईआरटी, एनसीडीई, ओपन स्कूल और सेंट्रल बोर्ड ने समीक्षा शुरू कर दी है। मालूम हो, जब मुरली मनोहर जोशी मानव संसाधन विकास मंत्री थे, तब बत्रा एनसीईआरटी में थे।