बीती रात हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किये गये। भूकंप का केंद्र कांगड़ा बताया जा रहा है। कांगड़ा के अलावा धर्मशाला और चंबा में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये। झटके 4 से 5 सेकंड तक महसूस किये गये। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर आ गये। काफी देर तक अफरा तफरी मची रही। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गय…
बीती रात हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किये गये। भूकंप का केंद्र कांगड़ा बताया जा रहा है। कांगड़ा के अलावा धर्मशाला और चंबा में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये। झटके 4 से 5 सेकंड तक महसूस किये गये। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर आ गये। काफी देर तक अफरा तफरी मची रही। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गयी। फिलहाल भूकंप से जानमाल के किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।
यह हल्के झटके क्या किसी बड़े भूकंप की आहट हैं। दो दिन पहले ही हमने एक रिपोर्ट दिखाई थी जिसमें ये अंदेशा जताया गया था कि हिमाचल प्रदेश में किसी भी वक्त भूकंप तबाही मचा सकता है। खतरे की जद में सबसे ज्यादा है हिमाचल का सबसे लोकप्रिय शहर शिमला जहां विकास के नाम पर बनी असुरक्षित इमारतें एक ही झटके में मलबे में तबदील हो सकती हैं।
उत्तराखंड की त्रासदी के जख्म अभी भर भी नहीं पाए हैं कि हिमाचल प्रदेश भी अब उसी खतरे की जद में है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में किसी भी वक्त ऐसा भूकंप आ सकता है जिससे लाखों लोगों की जिदंगी खतरे आ सकती है। हिमाचल के कई इलाके सिंकिंग जोन में आते हैं लिहाजा यहां भूकंप लोगों की जान के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है राज्य के मुख्य सचिव के मुताबिक कई शहरों खास तौर पर शिमला में बेतरतीब और असुरक्षित घर बनाए गए हैं जहां भूकंप का एक झटका सबकुछ तबाह कर सकता है।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा शिमला, सुंदरनगर और धर्मशाला जोन में है। अगर यहां भूकंप का एक ही जोरदार झटका आता है तो भारी तबाही होगी। इसके अलावा उन्होंने तेजी से पिघलते ग्लेशियरों के कारण बनी कई झीलों को भी आने वाले समय में एक बड़ा खतरा बताया।
उत्तराखंड में कुदरत का जो कहर बरपा उससे पूरा देश सहमा हुआ है। भूकंप रोका तो नहीं जा सकता लेकिन नुकसान ज्यादा ना हो इसके लिए सरकार इस खतरे से लोगों को आगाह कर रही है ताकि लोग इस आपदा का सामना करने को तैयार रहें। हिमाचल प्रदेश में आए दिन आ रहे इन झटकों से सरकार भी हिली हुई है। सरकार को चिंता है कि कहीं प्रकृति से छेड़छाड़ लोगों पर भारी ना पड़ जाए।