समाजसेवी अन्ना हजारे संसद में जनलोकपाल बिल पारित की मांग लेकर मंगलवार को फिर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए। उन्होंने अपने अनशन में आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को इस शर्त पर आने की अनुमति भी दी है कि वह अपनी पार्टी का कोई बैनर साथ नहीं रखेंगे न ही पार्टी का इस्तेमाल करेंगे।
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने पैतृक निवास रालेगण सिद्धि स्थित यादवबाबा मंदिर के सामने अन्ना ने अपने अनशन की शुरुआत की। अन्ना ने अनशन पर बैठने से पहले कहा कि भगवान केंद्र सरकार को सदबुद्धि दे। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल बिल से देश मजबूत होगा और यह भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए देश की जरूरत भी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर पहले इस बिल को लाने और फिर अपने दिए वादे से मुकर जाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि लोग यूपीए सरकार से भ्रष्टाचार से गुस्से में हैं, जिसका असर विधानसभा चुनावों में दिख गया है। कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी क्योंकि सरकार जनलोकपाल बिल पास नहीं करा पाई। कांग्रेस ने जनता को धोखा दिया और जनता ने उसे उचित जवाब दिया। अन्ना ने केंद्र सरकार को शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल बिल को पास कराने का भी अल्टीमेटम दिया।
उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक संसद में पारित करने का संकल्प कर सकते हैं, तो वह काफी समय से लंबित भ्रष्टाचार रोधी विधेयक के लिए ऐसा क्यों नहीं करते? इस बाबत अपने पिछले अनशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह केंद्र के आश्वासन के बाद ही अनशन से उठे थे।
अन्ना ने कहा कि लोग कांग्रेस के नेतृत्व वाले मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ है क्योंकि अनियंत्रित महंगाई, जनलोकपाल बिल को पारित नहीं करने और आम आदमी को प्रभावित करने वाले मूलभूत मुद्दों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए विधानसभा चुनावों में तीखी प्रतिक्रिया दी है।