केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह द्वारा संसद को मुहैया कराई गई सूचना में कहा गया है कि खुफिया तंत्रों से जानकारी मिली है कि माओवादी अपनी सैन्य क्षमता व मारक क्षमता को बढ़ाने में लगे हैं। उन्होंने लोकसभा में एम वेणुगोपाल रेड्डी तथा हमदुल्लाह सईद के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।उन्होंने बताया, ऐसी सूचना है कि सीपीआई (माओवादी) अपनी सैन्…
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह द्वारा संसद को मुहैया कराई गई सूचना में कहा गया है कि खुफिया तंत्रों से जानकारी मिली है कि माओवादी अपनी सैन्य क्षमता व मारक क्षमता को बढ़ाने में लगे हैं। उन्होंने लोकसभा में एम वेणुगोपाल रेड्डी तथा हमदुल्लाह सईद के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।उन्होंने बताया, ऐसी सूचना है कि सीपीआई (माओवादी) अपनी सैन्य क्षमता को और अधिक बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है ताकि वह अपने शस्त्र भंडार की मारक क्षमता को बढ़ा सके। सिंह ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हुए कुछ हमलों में राकेटों, मोर्टारों और मोलोतोव काकटेलों का प्रयोग भी देखा गया है।हालांकि उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवादियों के हथियार, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल में लाए जा रहे हथियारों से बढि़या नहीं हैं। वामपंथी उग्रवादी संगठन सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए एलएमजी , एके 47, एसएलआर , 303 राइफल, जीएफ राइफल , एच ई ग्रेनेड और वीएचएफ तथा एचएफ सेटों जैसे हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि सरकार सुरक्षित पुलिस थानों का निर्माण नामक एक परियोजना भी क्रियान्वित कर रही है जिसमें प्रति पुलिस थाना दो करोड़ रूपये की दर से वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित नौ राज्यों में 400 पुलिस थानों के निर्माण का प्रस्ताव है।सिंह ने आगे बताया, भारत सरकार का विश्वास है कि समन्वित पुलिस कार्रवाई, विकास संबंधी प्रयास और शासन में सुधार दीर्घकाल में वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला करने में प्रभावी उपाय सिद्ध होंगे और इस नीति का प्रभाव धीरे धीरे महसूस किया जा रहा है। विगत दो वर्षो के दौरान वामपंथी उग्रवादी हिंसा के स्तर में हुई कमी ने इसे सिद्ध भी किया है।