पाकिस्तान और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम अब भारत में नकली नोटों का कारोबार नहीं कर पाएंगे. NIA के एक पूर्व अधिकारी का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 400 करोड़ रुपये के नकली नोट हैं. इस बात का अनुमान एनआईए ने एक सर्वेक्षण के दौरान लगाया था. लेकिन अब ये नकली नोटों का कारोबार खत्म हो जाएगा.
एनआईए के एक पूर्व अधिकारी ने खुलासा करते हुए बताया कि भारत में सबसे ज्यादा नकली नोट पाकिस्तान की तरफ से भेजे जाते थे. जिनका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जाता था. यही नहीं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी हवाला और नकली नोटों के जरिये ही भारत की अर्थव्यवस्था पर आघात कर रहा था. लेकिन सरकार के इस फैसले से इस कारोबार पर भी लगाम लगेगी.
जानकारी के मुताबिक रियल स्टेट में काला धन ही लगता था. इस काम को पाकिस्तान में बैठा माफिया डॉन दाऊद अपने गुर्गों के जरिए अंजाम देता था. 500 और एक हजार के नोट बंद करने का फैसला इसी कारोबार के खिलाफ सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक माना जा रहा है.
500 और एक हजार के नोट बंद होने से भारत में आर्थिक आतंकवाद का खेल बंद हो जाएगा. इस खेल को पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई भारत में खेल रही थी. NIA ने नकली नोटों पर एक विशेष रिपोर्ट तैयार की थी. जिससे खुलासा हुआ था कि भारत की अर्थव्यवस्था में 400 करोड़ रुपये के नकली नोट इस समय लेनदेन में मौजूद हैं.
वैसे तो पाकिस्तान की तरफ से नोटों पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने कई जांच एजेंसिया को काम पर लगा रखा था. लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI भारत के ख़िलाफ आर्थिक आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए मोस्टवांटेड डॉन दाऊद इब्राहिम का इस्तेमाल भी कर रही थी.
नकली नोटों पर तैयार की गई एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक़ हर 10 लाख संचालित नोटों में 250 नकली नोट हैं. आमतौर पर इस समय 400 करोड़ रुपये के नकली नोट देश की अर्थव्यवस्था में बेखौफ चल रहे हैं. NIA के इस अध्यन में पता चला है कि 70 करोड़ रुपये के नकली नोट हर साल भारतीय अर्थव्यवस्था में संचालित हो रहे हैं.
एनआईए, आईबी, रॉ, राजस्व खुफिया और सीबीआई निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक सेना को भारत में जाली नोटों के चलन से लगभग 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का सालाना मुनाफा होता है. आईएसआई को पाकिस्तान में उत्पादित प्रत्येक नकली भारतीय नोट पर 30-40% का मुनाफा मिलता है.
बांग्लादेश बार्डर पर महज 18 हजार रुपये में एक लाख के नकली भारतीय नोट मिलते हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बांग्लादेश में बैठे एजेंट्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली नोटों का यही रेट फिक्स कर रखा है.
सूत्रों के मुताबिक भारत-बांग्लादेश बार्डर के बाद बिहार में आते ही एक लाख के नकली नोट का रेट 40 हजार रुपये या उससे भी अधिक हो जाता है. दिल्ली और पंजाब की ओर पहुंचने पर एक लाख के नकली नोट की कीमत 50 से 70 रुपये तक हो जाती है.
एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान में छपने वाले जाली नोट बंगलादेश और नेपाल के रास्ते भारत पहुंचते हैं. पिछले एक साल में 30 करोड़ जाली नोट जब्त किए गए हैं. बाकी के 40 करोड़ भारतीय बाजार में पहुंचने में सफल हुए हैं. एनआईए ने हाल ही में खुलासा किया है कि पाकिस्तान भारत की अर्थव्यस्था को बर्बाद करने के लिए यह काम कर रहा है.
पिछले साल नकली नोटों के एक कंसाइनमेंट के पकडे जाने से ये खुलासा हुआ था. जांच एजेंसियों ने पिछले तीन महीने में एक दो नहीं पूरे 65 कंसाइनमेंट भारत में पकड़े हैं. जिनके तार इंटरनेशनल रैकेट से जुड़े थे. जिसमें चीन से भी भारत में नकली नोट पहुंचे थे.
500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद भारत ने पाकिस्तान के नकली नोटों का कारोबार बंद तो कर दिया है. लेकिन आने वाले समय में जांच एजेंसियों के लिए ये बड़ी चुनौती होगी कि नए 500 और 2000 के नोटों को पाकिस्तान न बना सके और न ही इसको भारत में भेज सके.