नई दिल्ली। भाजपा के “पीएम इन वेटिंग” नरेंद्र मोदी का कहना है कि देश में पहले टॉयलेट बनने चाहिए और बाद में मंदिर।
दिल्ली में युवाओं के लिए आयोजित समारोह में करीब 7 हजार छात्रों को संबंधित करते हुए मोदी ने यह बात की।
मोदी ने कहा कि मुझे हिंदुत्ववादी नेता कहा जाता है। मेरी छवि मुझे ऎसा कहने नहीं देगी लेकिन मुझमें यह कहने का साहस है। वाकई मेरी सोच है कि पहले टॉयलेट, फिर मंदिर।
मोदी ने देश के युवा वोटरों से कहा कि मेरी नजर में सेक्युलरिज्म का मतलब है पहले देश। सभी के लिए न्याय, किसी का तुष्टिकरण नहीं। वोटों की राजनीति नहीं, गरीब आदमी गरीब ही है। यह गैरजरूरी है कि वह कहां पूजा करता है।
अपने भाषण में मोदी ने कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद पर हमला करते हुए कहा कि मेरे परिवार में किसी को पॉलिटिक्स का पी नहीं मालूम।
मैंने बचपन में ट्रेन में चाय बेची और आज आपके सामने खड़ा हूं। इसलिए यह सोचना छोड़ दो कि आप कहां से आए हैं। बस चलना शुरू कीजिए। मंजिल मिल जाएगी।
हालांकि मोदी का यह बयान उनकी पार्टी और सहयोगी संगठनों के अंदर विवाद खड़ा कर सकता है जो अगले लोकसभा चुनावों से पहले मंदिर मुद्दा उठाने को उत्सुक हैं।
इससे पहले कांग्रेसी नेता और केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी इस तरह का बयान देते हुए कहा था कि देश को मंदिरों से ज्यादा जरूरत शौचालयों की है।
इसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। कई महिला संगठनों और एनजीओ ने उनकी टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किया था।