यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी ने संकेत दिया है कि लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को वह अपना समर्थन दे सकती है।
विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल मुकाबले में कांग्रेस की फजीहत के बाद सपा सरकार से अपनी दूरी दिखाना चाहती है।
सपा महासचिव रामगोपाल ने कहा कि सपा छोटे राज्यों के खिलाफ है। अगर सरकार का तेलंगाना को लेकर अपना रुख नहीं बदला तो वह केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को अपना समर्थन भी दे सकती है।
यादव हालांकि कहते हैं कि पार्टी इस मसले पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से बातचीत के बाद अंतिम फैसला सोमवार को करेगी। सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि मुश्किल में फंसी यूपीए सरकार की परेशानी बढ़ाने के लिए सपा मुखिया अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को झटका भी दे सकते हैं।
अलग तेलंगाना राज्य के विरोध में सीमांध्र क्षेत्र के सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर अड़े हुए हैं। प्रस्ताव पर विचार के लिए नोटिस को कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी।
कांग्रेस के साथ जुगलबंदी के लिए मशहूर समाजवादी पार्टी मौजूदा सत्र में खुद को सरकार से दूरी बनाने की कोशिश कर रही है। राज्यसभा में सपा सदस्यों ने महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस की यूपीए सरकार के खिलाफ नारे लगाए। पार्टी लोकपाल विधेयक के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है।
सपा महासचिव नरेश अग्रवाल ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह सोमवार को अपने पार्टी सदस्यों के साथ बैठक कर यूपीए सरकार की नीतियों के खिलाफ आगे की रणनीति तय करेंगे।
उधर, सपा के कड़े रुख को लेकर कांग्रेस के मैनेजरों का कहना है कि उसके सहयोगी दल का रुख हमेशा से पहले गरम बाद में नरम जैसा रहा है। पार्टी के रणनीतिकार आश्वस्त है कि सपा मुखिया मान जाएंगे और अविश्वास प्रस्ताव को अपना समर्थन नहीं देंगे।