राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक बार फिर देश में असहिष्णुता को लेकर हो रहे विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि संवेदनशील मुद्दों को कुछ गतिविधियों के जरिए भड़काना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाली बातें करने से बचना चाहिए. नेशनल अवॉर्ड लौटाने वाले लोगों को उन्होंने अवॉर्ड की कद्र करने की सलाह भी दी.
नेशनल प्रेस डे पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति ने प्रेस काउंसिल की ओर से इस साल नेशनल अवॉर्ड पाने वाले पत्रकारों और फोटो जर्नलिस्ट को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह अवॉर्ड उन लोगों की कड़ी मेहनत का नतीजा हैं और इससे लोगों को उनके टैलेंट की पहचान होगी. अवॉर्ड पाने वाले लोगों को इनकी अहमियत समझनी चाहिए.
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि किसी की भावनाओं से खेलना और किसी की भावनाओं पर प्रहार सही नहीं है. अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर जो विवाद छिड़ा है उस पर चर्चा की जरूरत है. अवॉर्ड को संजोए और इसका सम्मान करें.
उन्होंने कहा कि देश के संविधान में इस संबंध में कई अहम प्रावधान हैं, जिनका पालन किया जाना चाहिए और समाज में संतुलन कायम रखने की कोशिश होनी चाहिए.
कड़ी मेहनत का नतीजा होते हैं नेशनल अवॉर्ड
राष्ट्रपति ने कहा कि इस साल ‘अभिव्यक्ति के माध्यमों में कार्टून और कैरीकेचर के प्रभाव’ पर चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह चर्चा दो प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण और राजिंदर पुरी को समर्पित है, जो अब हमारे बीच नहीं हैं. राष्ट्रपति ने दोनों को श्रद्धांजलि दी.