आसाराम पर सुनवाई पूरी, 19 अक्टूबर तक भेजे गए पुलिस रिमांड में

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गांधीनगर। सूरत की दो बहनों द्वारा आसाराम और उसके पुत्र नारायण साई पर लगाए गए रेप के आरोप के बाद मंगलवार को आसाराम को जोधपुर जेल से गांधीनगर लाया गया। पुलिस ने उन्हें गांधीनगर कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 19 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया।

पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि यह मामला काफी पुराना है, लिहाजा इसमें पूछताछ के लिए पुलिस को समय चाहिए। इसके लिए पुलिस ने आसाराम को दो सप्ताह की रिमांड मांगी थी। कुछ देर बाद मामले की सुनवाई कर रहे जज इस पर अपना फैसला सुनाएंगे।

इससे पहले गांधीनगर जाते समय जोधपुर से रवाना होने के दौरान हवाई जहाज में पहले से मौजूद आसाराम समर्थकों ने काफी नारेबाजी। लेकिन गांधीनगर उतरते ही उन्हें तुरंत पुलिस वैन में बैठाकर पूछताछ के लिए ले जाया गया और बाद में कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। आसाराम ने एक बार फिर से अपनी गिरफ्तारी के पीछे राहुल गांधी और सोनिया गांधी का हाथ बताया है।

 

इसी मामले में नारायण साई की अग्रिम याचिका पर भी सूरत की स्थानीय कोर्ट में आज सुनवाई होनी थी, जो टल गई। आसाराम के बेटे नारायण साईं, बेटी और पत्नी के खिलाफ सूरत पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। इस मामले में आसाराम की पत्नी और बेटी पर उनकी मदद करने का आरोप है। आशंका जताई जा रही है कि नारायण साई विदेश भागने की फिराक में है। इसके मद्देनजर देश के सभी एयरपोर्ट के इमिग्रेशन ऑफिस को सूचित कर दिया गया है। इससे पूर्व सोमवार रात को आसाराम को भी जोधपुर कोर्ट से निकाल सूरत ले जाया गया जहां पर उनसे पूछताछ का सिलसिला जारी रहा।

 

इस बीच, अपने ऊपर लगे इन आरोपों को खारिज करने के लिए आसाराम और नारायण साईं ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आसाराम और नारायण साईं के वकील यतिन ओझा की तरफ से अदालत में दायर याचिका में सूरत की दोनों बहनों की शिकायतों को खारिज किए जाने का अनुरोध किया गया है।