उत्तराखंड में मौसम विभाग की चेतावनी सही साबित होती दिख रही है। उपरी इलाकों में हल्की बारिश हो रही है। अगले 3-4 दिनों में भारी बारिश की आशंका है जो फिर से आफत बरपा सकती है। हांलाकि रेस्क्यू पूरा हो चुका है लेकिन अब गांवों तक मदद पहुंचानी है जो इस आपदा में बर्बाद हो गए हैं। बारिश के चलते इन गांवों तक पहुंचना और मुश्किल हो जाएगा, अभी भी कई गांवों से स…

उत्तराखंड में मौसम विभाग की चेतावनी सही साबित होती दिख रही है। उपरी इलाकों में हल्की बारिश हो रही है। अगले 3-4 दिनों में भारी बारिश की आशंका है जो फिर से आफत बरपा सकती है। हांलाकि रेस्क्यू पूरा हो चुका है लेकिन अब गांवों तक मदद पहुंचानी है जो इस आपदा में बर्बाद हो गए हैं। बारिश के चलते इन गांवों तक पहुंचना और मुश्किल हो जाएगा, अभी भी कई गांवों से संपर्क टूटा हुआ है।
कुदरत के जबर्दस्त कहर से जूझ रहे उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर बड़ी मुसीबत बन गया है। मौसम विभाग की चेतावनी है कि अगले कुछ दिनों में पहाड़ पर एक बार फिर विनाशकारी बारिश हो सकती है। सवाल है कि इस बार आपदा से निपटने की तैयारी कितनी मुकम्मिल है?
उत्तराखंड में 16 और 17 जून को आई तबाही की टीस अभी कम नहीं हुई कि संकट के बादल एक बार फिर मंडराने लगे हैं। हजारों लाखों लोगों को बरबाद करने के बावजूद एक बार फिर वहां भीषण आपदा की आहट सुनाई पड़ रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी है कि उत्तराखंड के लिए अगले तीन चार दिन बेहद अहम हो सकते हैं क्योंकि आसमान पर एक बार फिर वहां तबाही के बादल गहराने लगे हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में 4 से 7 जुलाई के बीच जबरदस्त बारिश हो सकती है। इस बार वहां रोजाना 70 से 130 मिलीमीटर तक बारिश होने की आशंका है जिससे पहाड़ पर बड़ी तबाही हो सकती है।
दिल्ली के रीजनल मेट्रोलॉजिकल सेंटर की मानें तो 5 और 6 जुलाई को बारिश का प्रकोप ज्यादा हो सकता है जिससे सावधान रहने की जरूरत है। हालांकि इस बार उतनी बारिश का अंदेशा नहीं जितनी पिछली बार हुई थी।
16 – 17 जून को आई कयामत की आफत में करीब 300 मिलीमीटर से भी ज्यादा बारिश हुई थी। आशंका है कि इस बार की आफत में दिल्ली और एनसीआर में भी 5 और 6 जुलाई को 30 से 40 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। बरबादी के यह बादल हरियाणा और पंजाब से लेकर हिमाचल और जम्मू-कश्मीर तक असर दिखा सकते हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी से साफ है कि संकट काफी गहरा है। ऐसे में सरकार और प्रशासन से उम्मीद तो यही की जानी चाहिए कि वह इस वॉर्निंग को पूरी गंभीरता से ले वरना पिछली बार की तरह इस बार भी हजारों जिंदगियां जोखिम में पड़ सकती हैं।