हरियाणा में पंचकूला की अदालत के एक फैसले से तीन गांव के 250 लोग करोड़पति बन गए। इन लोगों की जमीन पर हुडा के कालका-पिंजौर अर्बन कांप्लेक्स के रेजिडेंशियल सेक्टर कटने हैं। 

इसके लिए सरकार की ओर से घोषित मुआवजे को अदालत ने लगभग डबल कर दिया है। इससे जमीन का रेट प्रति एकड़ करीब 65 लाख रुपये हो गया है। 

हालांकि, इन सेक्टरों का प्लान तैयार नहीं किया गया है, लेकिन इस फैसले से यह तय हो गया है कि जब भी इन जमीनों के लिए प्लानिंग की जाए तो ये प्लाट अन्य इलाकों से ज्यादा महंगे होंगे, क्योंकि हुडा के नियम के मुताबिक इन्हासमेंट अलॉटियों से ही वसूली जाएगी। 

अदालत के इस फैसले से किसानों में खुशी का माहौल है, जबकि हुडा इस फैसले के खिलाफ अपील करने की तैयारी कर रहा है। 

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने अपने प्रोजेक्ट कालका-पिंजौर अर्बन कांप्लेक्स के लिए साल 2010 में भगवानपुर, इस्लामनगर और भोगपुर में करीब 300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। 

इस जमीन पर अर्बन कांप्लेक्स के सेक्टर दो, तीन, चार और पांच बनने हैं। अधिग्रहण के दौरान सरकार की ओर से भगवानपुर के लिए 1136 रुपये प्रति गज, इस्लामनगर के लिए 785 रुपये प्रति गज व भोगपुर के लिए 680 रुपये प्रति गज अवार्ड घोषित किया गया, लेकिन कुछ जमींदारों ने इसका विरोध किया। 

बाद में सरकार के फैसले के खिलाफ अदालत में अपील डाल दी, जिस पर अदालत ने तीनों गांवों के लिए एक सामान अवार्ड घोषित किया। 

अब सभी गांवों को 1337 रुपये प्रति गज मुआवजा दिया जाएगा। जानकारों के अनुसार, इस हिसाब से प्रति एकड़ जमीन का मूल्य करीब 65 लाख रुपये होगा।

किसानों ने यह दी थी दलील
किसानों ने अपने याचिका ने दलील दी थी कि इस प्रोजेक्ट के पास कई नामी-गिरामी डेवलपर्स के हाउसिंग प्रोजेक्ट आ रहे हैं। इससे उनकी जमीन की कीमत बाद में बढ़ जाएगी, जिसका अन्य लोग फायदा उठाएंगे।

इस कांप्लेक्स के पास डीएलएफ, आइरो व एल्डिकों जैसे कई डेवलपर्स ने अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाए हैं। उसके बाद हुडा के भी प्रोजेक्ट इस इलाके में आने थे। 

इन दलीलों को अदालत ने स्वीकार किया और याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद उम्मीद है कि अब हुडा इन सेक्टरों की प्लानिंग तेज कर देगा।

By parshv