इमालवा – नई दिल्ली। भारत के साइबर स्पेस में एक नए तरह के वायरस का पता चला है। यह एक बार क्लिक करते ही बड़ी चतुराई से इस्तेमाल करने वाले के बैंक खाते का ब्योरा और पासवर्ड चुरा लेता है।
देश के साइबर सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को इस नए कंप्यूटर वायरस से सावधान किया है। इसे विन 32/रेमनिट के नाम से जाना जा रहा है। कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम-इंडिया (सीईआरटी-इन) ने अपनी एडवाइजरी कहा है कि रेमनिट वायरस फाइलों को संक्रमित कर लक्ष्य तंत्र (जैसे इएक्सइ या एचटीएमएल) में बदलाव करके एक नया सेक्शन बना देता है।
इस माल वेयर के बारे में जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि यह फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल पासवर्ड, बैंक खाते की लॉगिंग जैसी जानकारियां चुरा लेता है और सिस्टम से हटाए जा सकने वाले मीडिया को भी संक्रमित कर देता है, ब्रोशर की सेटिंग बदल देता है और मनमानी फाइलों को डाउनलोड करना शुरू कर देता है। यह वायरस इतना खतरनाक व प्रभावकारी है कि साइबर अधिकारी कहते हैं इसमें एंटी वायरस से अपने आपको छिपा लेने की क्षमता है।
इसके अलावा यह सही कंप्यूटर सिस्टम या लैपटॉप या इंटरनेट आधारित कनेक्शन जिनका इस्तेमाल ईमेल या अन्य उपभोक्ता सेवाओं के लिए करते हैं उन पर हमले के लिए अलग-अलग नामों का इस्तेमाल कर लेता है। यह वायरस इतना घातक है कि यह सिस्टम से हटाए जा सकने वाले मीडिया के रिसाइकल बिन में खुद की कॉपी करके उसे भी संक्रमित कर देता है।
एक बार जब सिस्टम वायरस से संक्रमित हो जाता है तो यह मालवेयर अपनी पहुंच विंडो को चलाने वाली फाइलों तक बना लेता और इस तरह इसकी पहुंच कंट्रोल सर्वर तक हो जाती है। इससे बचाव के कुछ उपाय भी सुझाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि सिस्टम का इस्तेमाल करने वालों को जो अटैचमेंट भरोसेमंद नहीं हो उन्हें डाउनलोड नहीं करना चाहिए। उपभोक्ता बगैर भरोसे वाली साइटों पर न जाएं। बगैर लाइसेंस वाले चोरी के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं करें।