इमालवा – पश्चिम बंगाल के एक गरीब पिता ने अपनी मासूम बेटी को तीन महीने की कड़ी मशक्कत के बाद दिल्ली के जीबी रोड स्थित वेश्यालय से ढूँढ निकाला |
पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले की पीड़िता नर्स बनना चाहती थी।
उसकी दसवीं की परीक्षा मार्च में होने वाली थी जिसकी तैयारियों में वह व्यस्त थी।
इसी साल फरवरी में एक दिन पढ़ाई के बाद थोड़ी देर के लिए घर से वो बाहर निकली तो उसे किडनैप कर लिया गया और दिल्ली लाकर वेश्यालय में बेच दिया गया।
बेटी के किडनैप होने के बाद मां बीमार हो गई और पिता और भाई खोज-खोज कर परेशान हो गए। बेटी को खोजने में सफल पिता ने रोते हुए अपनी बेटी को गले से लगाया |
पश्चिम बंगाल पुलिस के पास परिवार वाले 15 फरवरी को रिपोर्ट लिखवाने गए लेकिन दस्तावेजों के मुताबिक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसे सिर्फ ‘मिसिंग कंप्लेंट’ के नाम से लिख लिया गया।
लेकिन परिवार वालों ने हार नहीं मानी। पीड़िता के पिता को शक था कि उसकी बेटी को दिल्ली ले जाया गया है। एनजीओ शक्ति वाहिनी से उन्होंने संपर्क किया जिसने उसी जगह से गायब एक और लड़की को बचाया था।
पीड़िता का पिता मजदूरी करके परिवार का पेट पालता है। एक दिन उसके पास एक अजनबी का फोन आया जिसमें उसने बताया कि उसकी बेटी दिल्ली के जीबी रोड स्थित वेश्यालय में हैं और वह घर लौटने को बेचैन है।
उसके बाद एनजीओ शक्ति वाहिनी और दिल्ली पुलिस की मदद से परिवार वाले जीबी रोड पहुंचे और वहां से पीड़िता को बचाया।
पीड़िता के भाई ने कहा कि वेश्यालय की संकरी सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद उसने अपनी बहन को एक छोटे से चैंबर में कैद पाया। बगल के एक और चैंबर में कैद नेपाली लड़की को भी बचा लिया गया।
पीड़िता को बचाने के बाद दिल्ली पुलिस ने यह केस दर्ज करने और तहकीकात का जिम्मा पश्चिम बंगाल पुलिस पर छोड़ दिया।
फिलहाल ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता को नारी निकेतन भेज दिया है और पुनर्वास के लिए अगले आदेश के बाद ही वह वापस घर लौट पाएगी।