किसानों के कर्ज की माफी के नाम पर सरकारी लूट की कहानी अब हमें चौंकाती नहीं, लेकिन जब मामला एक दो या सौ नहीं 20 हजार 216 किसानों के साथ 52 हजार करोड़ का हो तो आप क्या कहेंगे।2008 में किसानों की कर्ज माफी की सरकारी योजना की कैग ने तफ्तीश की है और इस तफ्तीश में सरकार को शर्मसार करने वाली हकीकत सामने आई है।कैग ने करीब 90 हजार मामलों की जांच की इनमें से… किसानों के कर्ज की माफी के नाम पर सरकारी लूट की कहानी अब हमें चौंकाती नहीं, लेकिन जब मामला एक दो या सौ नहीं 20 हजार 216 किसानों के साथ 52 हजार करोड़ का हो तो आप क्या कहेंगे।2008 में किसानों की कर्ज माफी की सरकारी योजना की कैग ने तफ्तीश की है और इस तफ्तीश में सरकार को शर्मसार करने वाली हकीकत सामने आई है।कैग ने करीब 90 हजार मामलों की जांच की इनमें से तकरीबन 20 हजार मामलों में गड़बड़ी पाई गई। कर्ज माफी के नाम पर 9 हजार से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए जहां उनके कर्ज माफ कर दिए गए जो माफी के हकदार थे ही नहीं। कर्ज देने वाले बैंकों ने बेनिफिसियरी यानी लाभुकों की लिस्ट बनाए बगैर ही करोड़ों करोड़ रुपये कर्ज माफी के नाम पर बांट डाले।