केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए 37 केंद्रीय कानूनों को लागू करने की बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में केन्द्रीय कानूनों के समवर्ती आदेश को जारी करने को स्वीकृति दे दी है।
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने का निर्णय किया था। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के प्रभावी होने के बाद तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को 31 अक्टूबर, 2019 से केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर और केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के रूप में मान्यता दे दी गई। इसमें कहा गया है कि 31 अक्टूबर 2019 से पूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य के अलावा सभी केन्द्रीय कानून पूरे भारत में लागू होते हैं, परन्तु 31 अक्टूबर 2019 से नियुक्त केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में भी यह लागू हो गए हैं।
सरकार का मानना है कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के संबंध में, प्रशासनिक प्रभावशीलता और सुचारू परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बदलावों और संशोधनों के साथ समरूपी सूची के अंतर्गत तैयार किए गए केन्द्रीय कानूनों को अपनाने के लिए यह आवश्यक है, ताकि भारतीय संविधान के अनुरूप इन्हें लागू करने में किसी प्रकार की अस्पष्टता को दूर किया जा सकें। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केन्द्र सरकार के पास कानूनों को आवश्यकतानुसार ढालने और उनमें संशोधन करने का अधिकार है। इसी के अनुरूप, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अधिनियम में शक्तियों का उपयोग करते हुए केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के लिए ऐसे 37 केन्द्रीय कानूनों को अपनाने और उनमें सुधार करने के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा जारी एक आदेश के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।