कृषि कानून निरस्त नहीं होने तक वापस घर नहीं जाने की बात दोहराते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों को इसके लिये अपनी खड़ी फसल के बलिदान के लिये तैयार रहना चाहिए। टिकैत ने कहा कि सरकार को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि कानूनों के खिलाफ आंदोलन खत्म हो जाएगा क्योंकि किसान अपनी फसल की कटाई के लिये घर चले जाएंगे।
हिसार के खड़क पूनिया गांव में एक “महापंचायत” को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आपको अपनी खड़ी फसल को आग ही क्यों न लगानी पड़े, आपको इसके लिये तैयार रहना चाहिए। सरकार को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि किसान घर लौट जाएंगे। हम अपनी फसल की कटाई भी करेंगे और उसके साथ ही अपना प्रदर्शन भी जारी रखेंगे।” उन्होंने कहा, “तब तक कोई ‘घर वापसी’ नहीं होगी।”
टिकैत ने किसानों से आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संघों के अगले आह्वान के लिये तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा, “अपने ट्रैक्टरों में ईंधन भरवाकर उनका मुंह दिल्ली की ओर करके रखो। आपके लिये किसी भी वक्त चलने का आह्वान किया जा सकता है, जिसका निर्धारण समिति (किसान संघों) द्वारा किया जाएगा।”
टिकैत ने कहा कि हरियाणा के बाद वे पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात समेत देश के अन्य हिस्सों में भी पंचायत करेंगे। टिकैत ने कहा कि पहले जहां दिल्ली में “ट्रैक्टर रैली” के लिये आह्वान किया गया था वहीं अगली बार वे अपने कृषि उपकरणों के साथ राष्ट्रीय राजधानी जाएंगे।