गोवा बैठक: मोदी के नाम पर ही लगेगी मुहर

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आज संडे है कामकाज से छुट्टी का दिन है लेकिन बीजेपी को एक बड़ा काम करना है। बीजेपी के साथ देश की सियासत के लिए भी आज का दिन काफी अहम साबित होने वाला है। देश के नए सियासी समीकरणों की दशा और दिशा तय होने वाली है। गोवा में दो दिन से जारी पार्टी के समुद्र मंथन से क्या निकलेगा इसका इंतजार पूरा देश कर रहा है।

काउंटडाउन शुरू हो चुका है, बस कुछ घंटों का इंतज…

आज संडे है कामकाज से छुट्टी का दिन है लेकिन बीजेपी को एक बड़ा काम करना है। बीजेपी के साथ देश की सियासत के लिए भी आज का दिन काफी अहम साबित होने वाला है। देश के नए सियासी समीकरणों की दशा और दिशा तय होने वाली है। गोवा में दो दिन से जारी पार्टी के समुद्र मंथन से क्या निकलेगा इसका इंतजार पूरा देश कर रहा है।

काउंटडाउन शुरू हो चुका है, बस कुछ घंटों का इंतजार बाकी है। कमल का कुनबा समुद्र किनारे महामंथन से जो कलश देश के सामने लाने वाला है उस कलश से किसके लिए सियासी अमृत निकलेगा और किसके लिए ये विष इसका इंतजार पूरे देश को है। गोवा के समंदर की लहरों का शोर ये बता रहा है कि मोदी के नाम पर मुहर लगना तय हो गया है। बस साहिल किनारे बैठकर इस नयी सुबह का इंतजार कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है।

दिल्ली से लेकर गोवा तक सियासी सरगर्मियों का बाजार इन सवालों से गर्म है वहीं बीजेपी में बगावत के बीज भी पनपते दिख रहे हैं। मोदी के नाम पर मुहर लगती है तब भी और अगर ऐसा नहीं होता है। उस हालात में भी बीजेपी में पड़ी दरार खत्म नहीं होने वाली है। हां अगर राजनाथ मोदी की ताजपोशी की अपनी रणनीति में कामयाब हो गए तो उनका रुतबा जरूर बढ़ जाएगा। पार्टी में उनकी छवि कठोर फैसले लेने वाले अध्यक्ष के तौर पर उभरेगी लेकिन अगर ऐसा मुमकिन नहीं हुआ तो राजनाथ के सामने नया संकट खड़ा हो जाएगा।

साफ है राजनाथ सिंह को नए सिरे से सारी रणनीति तय करनी होगी। नए सिरे से बिसात बिछानी होगी और नए मोहरे तय करने होंगे लेकिन आम चुनाव से पहले ये तय कर पाना एक टेढी खीर है। पार्टी को इसका खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है। ऐसे में ज्यादा संभावना यही है कि राजनाथ सिंह मोदी की ताजपोशी कर बीजेपी को ब्रैंड मोदी की नाव के सहारे चुनावी वैतरणी में गोता लगाने पर मुहर लगा देंगे।