इमालवा – चंडीगढ़ | स्थानीय पीजीआई अस्पताल में पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह की किडनी फेल होने से मौत हो गई | पाकिस्तानी कैदी पर जम्मू की कोट भलवल जेल में बीते शुक्रवार को हमला किया गया था.
पीजीआई अधिकारी की ओर से बयान आया है, सनाउल्लाह को गुरुवार सुबह करीब 7 बजे मृत घोषित किया गया. मल्टिपल ऑर्गन फेलियर के चलते उसकी मौत हुई. प्रोफेसर वाईके बत्रा की अगुवाई वाली डॉक्टरों की टीम ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की.
पीजीआई अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘मरीज को जब यहां लाया गया था तब उसका मस्तिष्क काम करना बंद कर चुका था. आज सुबह मरीज के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई.’ 52 वर्षीय पाकिस्तानी कैदी सनाउल्ला जम्मू की जेल में बंद था. वहां एक अन्य कैदी के साथ हुई हाथापाई में वह घायल हो गया था.
उसका शव संस्थान के शवगृह में ले जाया गया है. पीजीआई के प्रवक्ता ने कहा कि यह हिरासत में मौत का मामला है और सनाउल्ला के शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा. पोस्टमार्टम के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड पोस्टमार्टम करेगा और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी.’ प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या सनाउल्ला का शव उसके उन दो रिश्तेदारों के सुपुर्द किया जाएगा जो पाकिस्तान से मंगलवार को यहां आए हैं. इस पर जवाब मिला कि यह फैसला चंडीगढ़ प्रशासन और केंद्रीय गृह मंत्रालय करेगा.
उन्होंने कहा, ‘शव सौंपे जाने के बारे में पीजीआई सरकार के निर्देशों का पालन करेगा.’ बुधवार को सनाउल्ला के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था और उसे तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएं भी हो गई थीं. इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई थी.
संस्थान से बुधवार शाम जारी बुलेटिन में कहा गया था, ‘मरीज की हालत अत्यंत गंभीर हो गई है. सुबह से उसने पेशाब नहीं किया और उसके गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया है. गुर्दा रोग विशेषज्ञों ने उसका पेरिटोनियल डायलिसिस किया है.’ हमले के बाद से ही सनाउल्लाह को चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती किया गया था और उनकी लगातार स्थिति गंभीर बनी हुई थी. पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में इसी तरह के हमले में बुरी तरह जख्मी भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत होने के एक दिन बाद सनाउल्लाह पर हमला हुआ था.
अपने साथी की हत्या करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे भारतीय सेना के पूर्व जवान विनोद कुमार ने किसी बात पर झगड़ा होने के बाद सियालकोट निवासी सनाउल्लाह पर हमला किया. हमले में सनाउल्लाह के सिर में गम्भीर चोटें आई थीं और उसे पहले जम्मू के गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
ठीक इसी तरह का हमला 26 अप्रैल को सरबजीत पर हुआ था, जिसके बाद वह भी कोमा में चले गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी.
सनाउल्लाह की मौत के बाद पाकिस्तानी हाई कमीशन ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है. इस पत्र में मांग की गई है कि-
1- तुरंत ही सनाउल्लाह के शव को पाकिस्तान वापस भेजा जाए. एयर एंबुलेंस के जरिए शव को पाकिस्तान भेजा जाए.
2- इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय जांच होनी चाहिए.
3- दोषी को इस अपराध के लिए सजा मिलनी चाहिए.
4- सभी पाकिस्तानी कैदियों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम.
5- तुरंत ही उन 47 पाकिस्तानी कैदियों को छोड़ा जाए जो अपनी सजा काट चुके हैं.
17 साल से जेल में था पाकिस्तानी कैदी
जम्मू के बाहरी इलाके में स्थित कोट बलवाल जेल में यह घटना घटी. सनाउल्लाह पिछले 17 साल से जेल में बंद था. जेल सूत्रों के मुताबिक, सनाउल्लाह पाकिस्तान के सियालकोट का रहने वाला था. सनाउल्लाह पर हत्या का केस चल रहा था. उसपर 8 धाराओं के तहत केस दर्ज हैं. इनमें से 2 मामलों में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
हमलावर कैदी भारतीय सेना का पूर्व जवान
पाकिस्तानी कैदी पर हमला उसके ही साथी कैदी ने किया. हमलावर कैदी का नाम विनोद कुमार है, जो कि भारतीय सेना का पूर्व जवान है. हमलावर उत्तराखंड का रहने वाला है. वह इस जेल में पिछले 6 साल से बंद है. उसने लेह में अपने साथ ड्यूटी करने वाले की हत्या की थी. कोर्ट मार्शल के बाद वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है.
गौरतलब है कि भारत हो या पाकिस्तान, दोनों ही जगहों की ज्यादातर जेलों में क्षमता से काफी ज्यादा कैदी रखे जाते हैं. ऐसे में कैदियों पर सही तरीके से निगरानी नहीं हो पाती है. कैदियों के बीच मारपीट की घटनाएं अक्सर सुर्खियां बना करती है. हालांकि पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की मौत का मामला इससे जुदा मालूम पड़ता है. उनकी मौत के पीछे पाकिस्तानी हुक्मरानों की साजिश की बू आती है.