इमालवा – श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आई भयंकर बाढ़ अब तक करीब 150 लोगों को निगल चुकी है। जन्नत कहे जाने वाले इस खूबसूरत प्रदेश को जन्नत से जहन्नुम बना दिया है।
जम्मू कश्मीर में बाढ़ में फंसे हजारों लोगों को निकालने के लिए आज जबर्दस्त राहत एवं बचाव अभियान जारी है और पानी के सैलाब से उत्पन्न गंभीर स्थिति बरकरार है। श्रीनगर के अधिकतर हिस्से अब भी जलमग्न हैं। संचार व्यवस्था लड़खड़ाई हुई है और पानी का उंचा स्तर एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
आपदा से निपटने के अधिकारियों के प्रयासों के बीच उधमपुर जिले के पाचौरी गांव से भूस्खलन होने की खबर है। वहां फंसे कुछ लोगों को बचाने के लिए राहतकर्मी पहुंच गए हैं। श्रीनगर के जलमग्न क्षेत्रों में लोगों को बाहर निकालने के लिए 25 नौकाएं लगाई गई हैं। भीषण बाढ़ का सामना कर रहे राज्य में अब तक 5,100 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है।
बाढ़ से अब तक करीब 150 लोगों की जान जा चुकी है और अस्पतालों सहित कई इमारतें नष्ट हो चुकी हैं तथा सड़कों के तलमग्न होने और संचार व्यवस्था लड़खड़ा जाने से बहुत से इलाकों से संपर्क टूट गया है। श्रीनगर में सैन्य छावनी, सिविल सचिवालय और उच्च न्यायालय परिसरों में भी पानी भर गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के मुखिया ओपी सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे सामने बड़ी समस्या यह है कि संचार व्यवस्था टूट गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हमारी टीमों से हमारा संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसके अतिरिक्त, कई इलाकों में पानी का स्तर काफी ज्यादा है जहां हमारे कर्मी फंसे लोगों तक पहुंचने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।’’