लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए जवानों के अदम्य साहस और बलिदान को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नमन किया है. इसके साथ ही शहीदों के परिजनों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में लद्दाख की गलवान घाटी में अपने सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को मैं सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर के रूप में नमन करता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे वीर सैनिकों ने भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वश्रेष्ठ परंपरा का निर्वहन किया है. उनकी शौर्यगाथा देशवासियों की स्मृतिपटल पर सदा अंकित रहेगी. उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं.’
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि मैं देश को भरोसा देता हूं कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सैनिक मारते-मारते मरे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने हमेशा से अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर काम किया है. साथ ही उनके विकास और कल्याण की कामना की है. हमने हमेशा कोशिश की कि पड़ोसी के साथ मतभेद विवाद न बने. हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं. हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया है.
इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा पर हुई हिंसक झड़प पर चीन को कड़ा संदेश दिया है. विदेश मंत्री जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि गलवान घाटी में जो हुआ, वो चीन की साजिश थी. चीन ने जमीनी हालात को बदलने की साजिश की. उसकी मंशा तथ्यों को बदलने की है.
आपको बता दें कि 15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. सूत्रों के मुताबिक इस हिंसक झड़प में चीन के करीब 40 सैनिक मारे गए थे.