जिस दिन साधु शक्ति जागृत होगी भारत में एक नया ‘महाभारत’ होगा- बाबा रामदेव

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योग गुरू बाबा राम देव ने कहा कि जिस दिन साधु शक्ति जागृत होगी भारत में एक नया ‘महाभारत’ होगा। योग गुरू ने कुंभ क्षेत्र में ‘दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार’ के एक कार्यक्रम में जाने से पहले संवाददाताओं से कहा कि देश में राम मंदिर भी बनना चाहिए और लोगों का श्रीराम और सीता जैसा चरित्र होना चाहिए। रामराज्य आना चाहिए। रामराज्य जहां किसी प्रकार का दु:ख, दरिद्रता, मंहगाई, बेरोजगारी और भूख का आभाव एवं किसी प्रकार का पक्षपात ना हो, सबकी समृद्धि और विकास हो तथा सभी में सछ्वाव कायम रहे एक ऐसा राष्ट्र बनना चाहिए। इसके लिए सरकारों को बड़े स्तर पर प्रयास करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि संत इसके लिए आवाज उठा सकते हैं। देश में बड़ी तादाद में साधु संत है। अगर साधु-संत पूरी तरह जागृत हो जाएं तो राजनीतिक और सामाजिक ताकतों पर हमारे संत भारी पड़ सकते हैं। योग गुरू ने कहा कि भारत के सनातन संसकृति का पावन संगम है कुंभ। जहां एक तरफ समुद्र मंथन का पौराणिक मंथन का दर्शन होता है वहीं पर लोग ज्ञानामृत एवं योगामृत का पान कर रहे हैं। अपने जीवनामृत का पान करके जीवन को दिव्य बनाने के लिए एक आध्यात्मिक, आध्यात्मिक राष्ट्र बने उसके लिस साधु-संत महात्मा बड़ा पुयषार्थ कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रयाग कुंभ से देश को एक नई दिशा मिलेगी। बाबा राम देव पिछले 70 सालों में सरकार द्वारा किसी भी संत-महात्मा को भारत रत्न नहीं दिए जाने से खिन्न नजर आए। उन्होंने कहा कि पुरस्कार की प्रतिष्ठा बरकरार रखना है तो साधु-संन्यासियों को भी भारत रत्न देना होगा। उन्होंने कहा मदर टेरेसा, राजनायिकों, खिलाड़ियों, कलाकारों और अन्य क्षेत्रों में लोगों की तुलना में क्या भारत के संत महात्मओं की भूमिका कमतर है। देश के संत-महात्माओं ने करोड़ों लोगों को शिक्षा एवं संस्कार देकर उनका जीवन संवारा है। देश में साधु-संतो को वहीं गौरव मिलना चाहिए जो किसी भी मत पंथ संप्रदाय के व्यक्ति को मिलता है।