भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने धर्मनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी की ओर से छेड़ी गई बहस पर असहमति सी जताते हुए कहा कि ऐसा करने से चुनाव में कांग्रेस को जवाबदेह बनाने वाले आर्थिक बदहाली और भ्रष्टाचार जैसे वास्तविक मुद्दे भटक जाएंगे।
हालांकि उन्होंने कहा कि वह भाजपा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और गुजरात के मुख्यमंत्री क…
भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने धर्मनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी की ओर से छेड़ी गई बहस पर असहमति सी जताते हुए कहा कि ऐसा करने से चुनाव में कांग्रेस को जवाबदेह बनाने वाले आर्थिक बदहाली और भ्रष्टाचार जैसे वास्तविक मुद्दे भटक जाएंगे।
हालांकि उन्होंने कहा कि वह भाजपा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और गुजरात के मुख्यमंत्री को यह सलाह नहीं दे रहे हैं कि चुनाव प्रचार कैसे किया जाना चाहिए। मोदी की पपी और बुर्का जैसी विवादास्पद टिप्पण्यों के बीच सिन्हा ने कहा कि बहस वास्तविक मुद्दों से भटक गई है।
सिन्हा ने कहा, आगामी चुनावों के लिए बहस आर्थिक स्थिति और आम आदमी को पेश आ रही समस्याओं पर होनी चाहिए जिनके लिए कांग्र्रेस सरकार जिम्मेदार है , न कि साम्प्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता पर।
भाजपा नेता ने कहा, हमें बहस को वापस वर्तमान विषयों पर ले आना चाहिए जो मूलत: आर्थिक मुद्दे हैं। गरीबी का मुद्दा, रोटी का मुद्दा और बेरोजगारी का मुद्दा। ये वो मुद्दे हैं जिनसे लोग परेशान हैं। यह साम्प्रदायिकता या धर्मनिरपेक्षता नहीं है। अत: हमें बहस को इन मुद्दों पर लौटाना चाहिए।
अपने लेख में उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बहस को उसकी शर्तो पर जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। आर्थिक संकट, मंहगाई, कुशासन और भ्रष्टाचार को उन्होंने बहस के वास्तविक मुद्दे बताया।
सिन्हा के अनुसार, मोदी-विरोधियों की खेल योजना स्पष्ट है। जितना वह बोलेंगे, उनसे उतना विवाद पैदा होगा। इससे चुनाव पूर्व की बहस विकृत हो जाएगी और इस सरकार के कुशासन एवं भ्रष्टाचार की बजाय बहस इस बात पर केन्दि्रत हो जाएगी कि गुजरात में पिछले 11 साल में क्या हुआ। हमें बहस को पूर्व से वर्तमान में लौटाना है।