गंगटोक। अरुणाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के लद्दाख सीमा क्षेत्र पर आए दिन आक्रामक रहने वाली चीनी सेना ने अमूमन शांत रहने वाली सिक्किम सीमा पर भी बदले अंदाज में घुसपैठ की कोशिश की है। हालांकि भारतीय फौज के कड़े प्रतिरोध से उनका मंसूबा नाकाम हो गया। चीनी सेना की इस हरकत से नाराज भारत आज लद्दाख के चुशुल में चीन के सैन्य अधिकारियों के साथ फ्लैग मीटिंग करेगा। इस मीटिंग में इस तरह की हरकत दोबारा न हो इसके लिए भारत पुरजोर शब्दों में अपनी बात भी रखेगा।
इतना ही नहीं भारत इस मामले में चीन सेना से मांग कर सकता है कि वो चुमार पर 10 सितंबर से पहले की स्थिति बरकरार रखे और अपने सैनिकों को पीछे खींच ले। गंगटोक से महज 56 किलोमीटर दूर 14,400 फीट की ऊंचाई पर स्थित नाथुला में भारत-चीन सीमा पर मंगलवार को चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के साथ भारतीय सेना के जवानों की हाथापाई की खबर है। हालांकि सेना के आला अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, घटना के रोज दोनों देशों के सैनिक सीमा पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान गश्ती दलों का एक-दूसरे से आमना-सामना भी हुआ। सरहद पर सीमा निर्धारित करने के लिए लगाई गई बाड़ के दूसरी तरफ मौजूद चीनी सैनिकों ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए भारतीय सीमा में घुसपैठ का भी प्रयास किया, जिसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई।
सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिकों की इस हरकत से नाराज भारतीय सेना ने अगली फ्लैग मीटिंग में यह मुद्दा उठाने का फैसला किया है।
कूटनीति कोई इवेंट मैनेजमेंट नहीं:
कांग्रेस ने चीनी घुसपैठ को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। सरकार पर घुसपैठ के प्रति गंभीर न होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने बुधवार को मांग की कि प्रधानमंत्री सीमा मामलों पर वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त करें क्योंकि कूटनीति कोई इवेंट मैनेजमेंट नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को सलाह देना चाहूंगा कि कूटनीति इवेंट मैनेजमेंट नहीं है। शासन कला बहुत जटिल कार्य होता है। उन्हें विशेष प्रतिनिधि नियुक्त कर गंभीरता दिखानी चाहिए ताकि वह चीनी सरकार के प्रतिनिधियों और चीनी राष्ट्रपति से इस सीमा मसले पर वार्ता कर सकें।
उन्होंने कहा कि लगातार जारी घुसपैठ देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है और पार्टी उम्मीद करती है कि 2005 में हस्ताक्षरित सैद्धांतिक मार्गदर्शकों के आलोक में सरकार कूटनीति और शासन कला के माध्यम से सीमा पर उत्पन्न तनाव को कम करने में कामयाब होगी। शर्मा ने कहा कि उस समझौते में भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के माध्यम से बातचीत को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल था।