प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘परीक्षा पे चर्चा 2.0’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं जिसमें वह हाईस्कूल से लेकर कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स से बातचीत कर रहे हैं। मोदी ने पिछले साल भी बोर्ड परीक्षाओं और एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने से पहले बातचीत की थी। हालांकि इस बार खास बात ये रही कि स्टूडेंट्स को मोदी से मुलाकात करने का मौका भी मिला।

इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों से सवाल पूछे और कईयों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा कि हर दिन वे नई उर्जा के साथ काम करते हैं। छात्रों को सम्बोधित करते उन्होंने कहा कि जिंदगी का मतलब ठहराव नहीं है, जिंदगी का मतलब ही होता है गति। मोदी ने कहा कि लोग कहते हैं मोदी ने बहुत आकांक्षाएं जगा दी हैं, मैं चाहता हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की सवा सौ करोड़ आकांक्षाएं होनी चाहिए। हमें आकांक्षाओं को उजागर करना चाहिए, देश तभी चलता है। अपेक्षाओं के बोझ में दबना नहीं चाहिए। हमें अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने आपको सिद्ध करना चाहिए।

पीएम ने कहा कि निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है, आशा और अपेक्षा उध्र्व गति के लिए अनिवार्य होती है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने छात्रों को कहा कि कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार के साथ निपटते हैं, उस पर निर्भर करता है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है। बता दें ‘पिछले साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के विभिन्न छात्रों से चर्चा की थी।