देहरादून | नए जमाने में द्रौपदी के किरदार को जीवंत करने वाली देहरादून की ‘राजो’ पांच भाइयों की इकलौती पत्नी है। चौंकिए मत राजो जबरदस्ती नहीं बल्कि अपनी मरजी से पांच भाइयों की पत्नी बनी है।
देहरादून के नजदीक बसे एक गांव में राजो की शादी चार साल पहले गुड्डू वर्मा (21) के साथ हुई थी। गांव की प्रथा के अनुसार गुड्डू वर्मा के चार अन्य भाइयों को भी राजो ने पति के रूप में स्वीकार किया। यहां रिवाज है कि घर में एक बेटे की पत्नी बनकर आने वाली बहु अन्य भाइयों की भी पत्नी बन जाती है।
गुड्डू से शादी के साथ ही राजो अन्य तीन भाइयों की पत्नी बनी। चौथे भाई के 18 साल के होते ही राजो उसकी भी पत्नी बन गई। इस समय गुड्डू के अलावा बज्जू वर्मा (32), गोपाल वर्मा (26), संत वर्मा (28) और दिनेश वर्मा (19) राजो के पति हैं।
डेली मेल के अनुसार राजो की गोद में इस समय 18 माह का एक बेटा भी है। खास बात ये है कि राजो को नहीं पता कि इस बेटे का बाप कौन सा भाई है।
ऐसा भी नहीं है कि राजो का मकान बहुत बड़ा है। राजो केवल एक ही कमरे के पहाड़ी मकान में रहती है। रात को सभी सदस्य कंबल बिछा कर सोते हैं। नियमानुसार राजो दिन बदल बदल कर हर एक भाई के साथ रात गुजारती है।
राजो का कहना है कि वो अपने पांचों पतियों से बहुत खुश है। उसे इस घर में काफी इज्जत और प्यार मिला है जो शायद गांव की किसी भी पत्नी को प्राप्त नहीं है। राजो का कहना है कि वो किसी भी पति को दूसरे पतियों से ज्यादा महत्व नहीं देती। उसकी नजर में सभी पति समान और आदरणीय हैं।
दूसरी तरफ राजो को आधिकारिक पति गुड्डू का कहना है कि राजो सभी भाइयों से प्रेम करती है। गुड्डू ने कहा कि सभी भाइयों के साथ संबंध होने पर उसे कोई जलन नहीं होती। सभी रात को एक ही कमरे में बिछे कंबलों पर सोते हैं लेकिन कभी भी किसी के मन में कड़वाहट नहीं आई।