रोड शो और गंगा आरती के बाद पीएम नरेंद्र मोदी एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस धरती से जो प्यार मिला है वो अविस्मरणीय है। यह धरती महान मनीषियों की धरती रही है। यह धरती भगवान बुद्ध, तुलसीदास और रविदास की है। यहां वो जब जब आते हैं तो उनका संबंध सिर्फ मतपत्रों तक सीमित नहीं है।
कार्यकर्ताओं को चुनावी समर में सक्रिय होने का आहवान किया और विपक्ष को भी इस दौरान उन्होंने घेरा। देश की सुरक्षा को लेकर उन्होंने अपनी वचनबद्धता भी दोहराई। अपने 5 साल के काम का रिपोर्ट कार्ड रखा।
यही नहीं इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यदि आप लोगों की अनुमति हो तो मैं कल नामांकन भर दूं? पीएम मोदी का इतना कहना भर ही था कि उमड़ा जनसैलाब मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा। पीएम ने अपने भावुक संबोधन में कहा कि यह फकीर भी अब काशी के फक्कड़पन में रम गया है।
पीएम मोदी ने अपने ही अंदाज में संबोधित करते हुए कहा कि लोग पूछते हैं कि मोदी ने काशी में क्या बदलाव किया? लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि काशी ने मुझमें क्या बदलाव किया। भावुकता भरे संबोधन में उन्होंने कहा, ‘यह मेरा सौभाग्य है कि काशी के ज्ञान के विश्लेषण और तार्किक अनुभवों से मैं जुड़ सका। काशी की आध्यात्मिक आस्था से कबीरदास, रविदास, तुलसीदास और महात्मा बुद्ध जैसे लोगों को प्रेरणा मिली। इस प्रेरणा ने मुझे भी वैश्विक स्तर पर मूल्यों के साथ खड़े होने का संबल दिया है।’