बीजेपी के सामने नहीं रखी कोई शर्त: शरद यादव

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जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने इस खबर का खंडन किया कि गठबंधन बचाने के लिए बीजेपी के सामने कोई शर्त रखी गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गठबंधन को बचाने की कोशिश की जा रही है और बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।  

नीतीश को यह मंजूर नहीं कि मोदी देश के पीएम बनें और बीजेपी को यह कबूल नहीं कि नीतीश ऐसी कोई शर्त रखें। ऐसे में बीजेपी और एनडीए की दोस्ती कैसे…

जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने इस खबर का खंडन किया कि गठबंधन बचाने के लिए बीजेपी के सामने कोई शर्त रखी गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गठबंधन को बचाने की कोशिश की जा रही है और बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।  

नीतीश को यह मंजूर नहीं कि मोदी देश के पीएम बनें और बीजेपी को यह कबूल नहीं कि नीतीश ऐसी कोई शर्त रखें। ऐसे में बीजेपी और एनडीए की दोस्ती कैसे सलामत रहेगी? इस गठबंधन का टूटना अब करीब-करीब तय हो चुका है।

नीतीश को मोदी मंजूर नहीं, यह बात जगजाहिर है लेकिन अब तक इस मसले पर इशारों-इशारों में अपनी नाराजगी जतलाते रहे नीतीश ने अब खुलकर मोर्चा संभाल लिया है और बीजेपी से इस बात की गारंटी मांगी है कि वो मोदी को पीएम पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार नहीं बनाएगी। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में नीतीश ने कहा कि बीजेपी को सार्वजनिक तौर पर इस बात का ऐलान करना होगा, सिर्फ निजी आश्वासन देने से बात नहीं बनेगी।

हालांकि नीतीश ने अपने इंटरव्यू में मोदी का नाम तो नहीं लिया पर यह साफ है कि जेडीयू का ऐतराज किसकी उम्मीदवारी से है। जेडीयू की मांग है कि पीएम पोस्ट के लिए ऐसा सेकुलर चेहरा होना चाहिए जिसकी छवि बेदाग हो और जो बतौर पीएम सबको साथ लेकर चल सके। साफ है कि मोदी का नाम लिए बगैर ही नीतीश ने अपनी अंतिम राय ज़ाहिर कर दी है लेकिन क्या बीजेपी को नीतीश की यह शर्त गवारा होगी?

हकीकत यह है कि बीजेपी के लिए अब न तो मोदी के मामले में कदम पीछे हटाना मुमकिन है और ना ही नीतीश को मनाना। इस मुद्दे पर फिलहाल खामोश रहना बीजेपी के लिए एक विकल्प हो सकता था पर नीतीश ने उसकी गुंजाइश भी नहीं छोड़ी। ऐसे में अब करीब करीब यह तय हो चुका है कि 17 साल पुराना ये दोस्ताना अब नहीं टिकने वाला इंतजार है तो बस पटना में जेडीयू की होने वाली मीटिंग का जिसमें इस रिश्ते पर आखिरी फैसला लिया जाना है।