ओपिनियन पोल पर रोक लगाने पर ज्यादातर राजनीतिक दल एकमत हैं। इन दलों ने चुनाव अधिसूचना जारी होने के दिन से ही ओपिनियन पोल पर रोक लगाने की राय दी है। हालांकि भाजपा ने इसका विरोध किया है और कहा है कि ऐसा कोई भी कदम संविधान के खिलाफ होगा।

चुनाव आयोग को 15 राजनीतिक दलों ने पत्र भेजकर अपनी राय जाहिर की है। आयोग ने भी अधिसूचना जारी होने के दिन से ही ओपिनियन पोल पर पाबंदी की अपनी सिफारिश कानून मंत्रालय को भेज दी है।

कानून मंत्रालय की राय पर चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल की तर्ज पर ओपिनियन पोल पर भी पाबंदी लगाने पर विभिन्न राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे थे।

5 राष्ट्रीय और 10 क्षेत्रीय दलों ने अपनी राय से चुनाव आयोग को अवगत कराया। भाजपा ने कानून मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है।

भाजपा ने कहा कि ऐसा कोई भी प्रयास संविधान के तहत नागरिकों को मिली अभिव्यक्ति की आजादी का हनन होगा।

रोक के पक्ष में
कांग्रेस, सपा, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, मुस्लिम लीग, जदयू, बसपा, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, केजीपी, माकपा, एनसीपी।

By parshv