पार्टी की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। तमाम विषयों पर मंथन हुआ लेकिन ये पार्टी के आला नेताओं की बैठक से ज्यादा मोदी की क्लास रही।
बीजेपी पार्लियमेंटरी बोर्ड की बैठक कोई नई बात नहीं है। समय पर पार्टी की रणनीति को तय करने के लिए ऐसी बैठके होती रहती हैं लेकिन पहली बार पार्लियामेंटरी बोर्ड की बैठक में शिरकत कर रहे मोदी…
पार्टी की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। तमाम विषयों पर मंथन हुआ लेकिन ये पार्टी के आला नेताओं की बैठक से ज्यादा मोदी की क्लास रही।
बीजेपी पार्लियमेंटरी बोर्ड की बैठक कोई नई बात नहीं है। समय पर पार्टी की रणनीति को तय करने के लिए ऐसी बैठके होती रहती हैं लेकिन पहली बार पार्लियामेंटरी बोर्ड की बैठक में शिरकत कर रहे मोदी ने पार्टी को नई दिशा देने की कोशिश जरूर की उन्होंने सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल और इसके जरिए सीधे जनता तक पहुंच बनाने की रणनीति पर भी जोर दिया।
यही नहीं मोदी ने यूपीए सरकार के 9 साल पर भी अपनी राय रखी। इसके तहत उन्होंने केंद्र सरकार को संसद से सड़क तक घेरने की रणनीति को जायज करार दिया लेकिन साथ ही और आक्रामक रुख अख्तियार करने की हिदायत भी दी। इसका असर भी दिखा, पार्टी ने मोदी की राय जानने के बाद अरुण जेटली और सुषमा को आज मैदान में उतारने का फैसला कर लिया।
वैसे तो बैठक में गोवा कार्यकारिणी और चीनी घुसपैठ पर भी चर्चा हुई लेकिन मोदी ने ज्यादा तवज्जों आने वाले चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति को और बेहतर बनाने पर ही ज्यादा जोर दिया।