बीजेपी के बड़े नेताओं के बोधगया पहुंचते ही पार्टी के सुर बदले बदले से लग रहे हैं। अलगाव के बाद नीतीश को पानी पी-पी कर कोसने वाले बीजेपी नेताओं के तेवर अचानक नरम पड़ गए, ना तो राजनाथ सिंह ने नीतीश के खिलाफ एक भी शब्द कहा और ना ही अरुण जेटली ने।
बोधगया सीरियल ब्लास्ट के बाद एक तरफ जहां जांच एजेंसियां आतंकियों के सुराग तलाशने में जुटी है तो दूसरी ओर वह…
बीजेपी के बड़े नेताओं के बोधगया पहुंचते ही पार्टी के सुर बदले बदले से लग रहे हैं। अलगाव के बाद नीतीश को पानी पी-पी कर कोसने वाले बीजेपी नेताओं के तेवर अचानक नरम पड़ गए, ना तो राजनाथ सिंह ने नीतीश के खिलाफ एक भी शब्द कहा और ना ही अरुण जेटली ने।
बोधगया सीरियल ब्लास्ट के बाद एक तरफ जहां जांच एजेंसियां आतंकियों के सुराग तलाशने में जुटी है तो दूसरी ओर वहां सियासी हलचल भी तेज है। बोधगया में हालात का जायजा लेने आज बीजेपी के सीनियर नेता महाबोधि मंदिर पहुंचे।
इनमें बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और नंद किशोर यादव भी शामिल थे। कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच तीनों नेता महाबोधि मंदिर के अंदर गए और भगवान बुद्ध की प्रतिमा का दर्शन किया। इस मौके पर बीजेपी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए देश में बढ़ती आतंकी वारदातों के लिए यूपीए सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
कहां तो कयास लग रहे थे कि बोधगया में बीजेपी नेताओं के निशाने पर नीतीश कुमार होंगे लेकिन हुआ उल्टा। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस हमले के लिए केन्द्र की मनमोहन सरकार को तो आड़े हाथों लिया लेकिन राज्य की नीतीश सरकार पर उनका रुख नरम ही रहा।
दरअसल नीतीश को लेकर बीजेपी नेताओं के रूख में इसलिये यू-टर्न दिख रहा है क्योंकि आज महाबोधि मंदिर पहुंचे राजनाथ सिंह ने केंद्र पर तो जमकर निशाना साधा लेकिन नीतीश पर चुप रहे। वहीं रविवार को महाबोधि मंदिर पर आतंकी हमले के दिन बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत कई बीजेपी नेताओं ने जमकर नीतीश पर निशाना साधा था।