सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा है कि आप जो भी हैं उस पर गर्व करें, तभी देश तरक्की करेगा। उनका कहना था कि संविधान सभी के लिए एक जैसा है। हिंदू, ईसाई, बौद्ध, जैन, मुस्लिम व अन्य संप्रदायों को अपने ऊपर गर्व करना चाहिए। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में 71 वें स्वतंत्रता दिवस पर समारोह आयोजित हुआ, जिसमें कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी शिरकत की।
सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने संबोधन में न्यायमूर्ति खेहर ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी धार्मिक और जातीय पहचान पर गर्व होना चाहिए। संविधान में भी यही लिखा है। उन्होंने कहा कि उन्हें सिख होने पर गर्व है।
इस मौके पर चीफ जस्टिस ने कहा कि भारत एक अद्भुत देश है, यहां हर नागरिक को बराबर मौके मिलते हैं। हमारे वर्तमान राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री उदाहरण हैं कि कैसे सामान्य पृष्ठभूमि से आकर भी देश के शीर्ष संवैधानिक पदों पर काबिज हुआ जा सकता है। सभी नागरिक बराबर हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद एक दलित परिवार से आते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कभी चाय बेचा करते थे।
अपने बारे में उन्होंने कहा कि मैं इस देश के नागरिक के रूप में पैदा नहीं हुआ, लेकिन जब मैं नागरिक बना, तो मैं दूसरों के बराबर बन गया और अंत में अब देश का मुख्य न्यायाधीश बन गया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर केन्या के नागरिक के तौर पर पैदा हुए थे क्योंकि उनके पैरेंट्स उन दिनों वहीं रहते थे।