इमालवा – नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के दो मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस पार्टी और सरकार बंट गई लगती है। बताया जा रहा है प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह दोनों मंत्रियों कानून मंत्री अश्विनी कुमार और रेल मंत्री पवन कुमार बंसल से इस्तीफा लिए जाने के पक्ष में नहीं हैं, जबकि कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेता पीएम के इस रूख का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
दोनों ही मंत्री पंजाब से हैं और प्रधानमंत्री के पसंदीदा माने जाते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने “पत्रिका” से कहा कि कांग्रेस पार्टी इन दोनों मंत्रियों को नहीं बचा रही है, आपको प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए कि वे क्यों इनका इस्तीफा नहीं ले रहे।
सहयोगियों का दबाव
सूत्रों के मुताबिक, यूपीए में कांग्रेस के सहयोगी दलों की तरफ से भी उन्हें हटाने के लिए दबाव इसलिए बन रहा है क्योंकि उनका कहना है कि सहयोगी दल के मंत्री ए राजा को तो प्रधानमंत्री ने तुरंत ही हटा दिया था। दूसरी तरफ एनडीए के नेता शरद यादव पर भाजपा ने इस बात के लिए दबाव डाला कि वे बंसल के पक्ष में खड़े दिखाई नहीं दें।
कोर्ट के भरोसे विपक्ष
विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे पर बुधवार को सुनवाई में टिप्पणी से उम्मीद है, उसे लगता है कि यदि सर्वोच्च अदालत ने कानून मंत्री के खिलाफ कोई टिप्पणी कर दी तो फिर अश्विनी का कुर्सी पर बने रहना मुश्किल होगा।
हटाने का नया फॉर्मूला
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री इस तरह दोनों मंत्रियों को हटाए जाने के पक्ष में नहीं हैं। उनका मानना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के वक्त उन्हें अलग किया जाए, लेकिन कांग्रेस में बड़े नेता इस राय से सहमत नजर नहीं आ रहे।
देते रहे सफाई
मंगलवार को दिन भर अश्विनी कुमार सेन्ट्रल हाल में कांग्रेस और सहयोगी दलों के सांसदों के सामने अपना पक्ष रखते रहे। इसी तरह यदि सीबीआई रेल मंत्री से पूछताछ करती है तो उन्हें बचाना भी सरकार के लिए आसान नहीं होगा।