केंद्र सरकार लॉकडाउन के बाद हवाई यात्रा करने वाले लोगों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना अनिवार्य कर सकती है। सरकार के अधिकारियों ने कहा, ‘‘हवाई यात्रियों के लिए इस ऐप को अनिवार्य करने के संबंध में एयरलाइन्स से प्रारंभिक चर्चा हुई है।” उन्होंने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय ने इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। यह मोबाइल ऐप लोगों को यह पता लगाने में मदद करता है कि वे कोविड-19 के जोखिम में तो नहीं हैं। यह लोगों को कोरोना वायरस से बचने के तरीकों, इसके लक्षणों समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करता है।
ऐप लोगों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति और यात्रा पृष्ठभूमि के अनुसार रंगों के हिसाब से स्तर बता सकता है। इससे यह पता लगाने में भी मदद मिल सकती है कि उपयोगकर्ता वायरस संक्रमित किसी रोगी के नजदीक तो नहीं है। अधिकारियों ने कहा, ‘‘अगर नागर विमानन मंत्रालय में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो उन लोगों को हवाई यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी जिनके फोन में ऐप नहीं है।” कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त हो रहा है। सरकार ने अभी व्यावसायिक यात्री उड़ान सेवाओं को बहाल करने का फैसला नहीं किया है जो लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही निलंबित कर दी गयी थीं।
वहीं सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप के उपयोगकर्ताओं की जानकारियों (डेटा) के प्रसंस्करण के लिये सोमवार को दिशानिर्देश जारी किया। इसमें कुछ नि का नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को कारावास की सजा का भी प्रावधान किया गया है। नए नियमों के तहत 180 दिनों से अधिक डेटा के भंडारण पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही उपयोगकर्ताओं के लिये यह प्रावधान किया गया है कि वे आरोग्य सेतु से संबंधित जानकारियों को मिटाने का अनुरोध कर सकते हैं। इस तरह के अनुरोध पर 30 दिन के भीतर अमल करना होगा। यह ऐप एंड्रॉइड, एप्पल के आईओएस और जिओ फोन पर उपलब्ध है। सरकार ने उन लोगों के लिये एक टोल फ्री नंबर 1921 भी जारी किया है जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है। साहनी ने कहा, ‘‘आरोग्य सेतु के 13,000 से कम उपयोगकर्ताओं को कोरोना वायरस संक्रमण में सकारात्मक पाया गया है, लेकिन इसकी मदद से लगभग 1.4 लाख ऐसे लोगों का पता लगाया गया और सतर्क किया गया है, जो संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आये हैं।” उन्होंने कहा कि गोपनीयता आरोग्य सेतु का एक महत्वपूर्ण पहलू है। नागरिकों के अधिकार का पक्ष रखने वाले कई समूहों ने आरोप लगाया है कि सरकार विशेष रूप से गोपनीयता के आसपास किसी भी कानून की अनुपस्थिति में बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए आरोग्य सेतु का उपयोग कर रही है।